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शिक्षा- मनोविज्ञान का इतिहास : History of Education Psychology:शिक्षा-मनोविज्ञान का अर्थ प्रकृति

मनोविज्ञान का क्षेत्र बहुत बड़ा है हर जगह इसका उपयोग किसी न किसी रूप में हर क्षेत्र में होता है आजंके इस पोस्ट में हम बात करेंगे शिक्षा मनोविज्ञान के इतिहास के बारे में तो आइए विस्तार से जानते है शिक्षा- मनोविज्ञान का इतिहास : History of Education Psychology:शिक्षा-मनोविज्ञान का अर्थ प्रकृति और परिभाषा  शिक्षा-मनोविज्ञान का इतिहास(History of education psychology) हमारे देश में शिक्षा व्यवस्था बहुत ही प्राचीन समय से है ,ज्ञान - विज्ञान तथा सांस्कृतिक कार्यों की प्राचीनतम धरोहर भारत में है। प्राचीनतम शिक्षा तथा शिक्षा व्यवस्था का जन्म भारत में ही हुआ है। प्राचीन जैन ग्रंथों में शिक्षा तथा मनोविज्ञान के अनेक तत्वों का वर्णन मिलता है। मांडा भूमि , खिंडा   भूमि , विमांसा भूमि , जुगुत भूमि , शेखा भूमि , पिता - पुत्र भूमि माना ज्ञान विकास के विभिन्न सोपान रहे हैं। महाभारत में मानव के विकास को 10 अवस्थाओं - भोपा , जन्म , शैशव , बाल्यकाल , लड़कपन , पूर्व कैशोर्य , कैशोर्य , मध्य , बुढ़ापा तथा मृत्यु - में विभक्त किया गया है।

शिक्षक (अध्यापक) के लिए मनोविज्ञान की उपयोगिता :Utility Of Psychology For Teacher

मनोविज्ञान शिक्षको को बच्चो विद्यार्थियों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने का कार्य करता है यह शिक्षको के लिए बहुत ही उपयोगी है । मनोविज्ञान ही है जिसने शिक्षा को वैज्ञानिक बनाया है एडवर्ड थार्नडाइक को शिक्षा मनोविज्ञान का जनक कहा जाता है आज के समय में शिक्षा मनोविज्ञान आइए जानते है शिक्षक (अध्यापक) के लिए  मनोविज्ञान की उपयोगिता क्या है (Utility of psychology for teacher) इस पोस्ट विस्तार से- शिक्षक (अध्यापक) के लिए शिक्षा मनोविज्ञान की उपयोगिता Utility Of Psychology For Teacher   शिक्षक के लिए मनोविज्ञान की क्या उपयोगिता है ?     इसका प्रयोग किस प्रकार कर सकता है ?     इससे किस प्रकार सहायता मिल सकती है ? हम इन और इन जैसे और संबंधित अन्य प्रश्नों पर निम्नलिखित पंक्तियों में अपने विचारों को व्यक्त कर रहे हैं-    1.स्वयं का ज्ञान व तैयारी ( अध्यापक द्वारा स्वयं को   तैयार करना) :- कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने में तभी सफल होता है, जब उसमे उस कार्य को करने की योग्यता होती है। शिक्षा मनोविज्ञान की सहायता से अध्यापक अपने   निहित   स्वभ