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SEBI Securities and Exchange Board of India

  SEBI सेबी क्या है भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की स्थापना 12 अप्रैल, 1992 को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुरूप की गई थी। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का उद्देश्य  निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए और प्रतिभूति बाजार के विकास और विनियमन को बढ़ावा देने के लिए और इसके साथ जुड़े मामलों या आकस्मिक उपचार के लिए है। । यह 1988 में पहली बार सीमित अधिकार के साथ स्थापित किया गया था। यह कैपिटल इश्यू के नियंत्रक का उत्तराधिकारी था, जो 1947 के कैपिटल इश्यूज (कंट्रोल) एक्ट के तहत प्रतिभूति बाजारों को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार था, जिसे भारत से स्वतंत्रता प्राप्त करने से कुछ महीने पहले अधिनियमित किया गया था। आज जो सेबी है वो 1992 को अस्तित्व में आया था तब से आज तक निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कार्य कर रहा है । सेबी का मुख्यालय मुंबई के व्यापारिक क्षेत्र में, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में है। इसके अतिरिक्त, नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं, साथ ही बैंगलोर, जयपुर, गुवाहाटी, पटना, कोच्चि और चंडीग

Demat Account : डीमैट अकाउंट Types of Demat Account

आप को शेयर मार्केट में खरीदारी करने और उन शेयर को अपने पास सुरक्षित रखने के लिए जो वॉलेट या अकाउंट जारी होता है उसे Demat Account : डीमैट अकाउंट Types of Demat Account  कहते    आप मेरे इस पोस्ट जान सकते है तो आइए जानते है  Demat Account : डीमैट अकाउंट  Types of Demat Account के बारे में । Demat Account डीमैट एकाउंट    आप सब को पता होगा ही की आप डायरेक्ट शेयर मार्केट से शेयर नही खरीद सकते है तो आप को एक इंटरमिडियट की जरूरत होगी यही इंटर मिडिटेटर या ब्रोकर या शेयर मार्केट की भाषा में डिपोजिटरी पार्टिसिपेंट   DP कहते है डीमैट एकाउंट खुलवाता है जिससे आप शेयर की खरीद बिक्री करते है डीमैट एकाउंट के साथ आपका ट्रेडिंग एकाउंट भी खुलता है जिससे आप ट्रेडिंग करते है डीमैट एकाउंट में आपके खरीदे गए शेयर की इंट्री होती हैं और ट्रेडिंग एकाउंट से आप ट्रेडिंग या खरीदारी करते है । पहले सारा काम कागजी करवाई पर होता था पर इसमें बहुत वक्त लगता था वेरिफिकेशन वगैरा होने में बहुत वक्त लगता था मान लीजिए आपने कोई कंपनी का शेयर खरीद तो उसका सर्टिफिकेट मिलता था फिर वो उस कंपनी में जाता था फिर कंपनी उसको चेक करती

Share Brokers : शेयर ब्रोकर का क्या कार्य है जाने

आप कभी भी कोई भीं शेयर मार्केट से डायरेक्ट नही खरीद सकते है उसके लिए आप को जरूरत होती है Share Brokers : शेयर ब्रोकर का क्या कार्य है जाने  तो आइए जानते है क्या होता शेयर ब्रोकर ? शेयर ब्रोकर क्या कार्य होता है ? शेयर ब्रोकर के प्रकार ? तो आइए जानते है । शेयर मार्केट: शेयर बाजार: शेयर ब्रोकर : शेयर: शेयर ब्रोकर क्या होते है है और इनका क्या कार्य होता है  Share Brokers (दलाल)  कोई भी व्यक्ति सीधे स्टॉक मार्केट के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकता है या यू कहे की डायरेक्ट शेयर नही खरीद सकता है तो उसे एक इंटर मिडियेट या बिचौलिया की जरूरत होती है जो कुछ फीस चार्ज करके उनका ऑर्डर स्टॉक एक्सचेंज में पहुंचता है ये आपका डीमैट अकाउंट  Demat Account   या ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाते है इसी अकाउंट से आप शेयर बाजार में खरीद फरोख्त या निवेश कर सकते है   ये ब्रोकर पहले से ही शेयर बाजार में सेबी SEBI और स्टॉक एक्सचेंज Stock Exchange रजिस्टर्ड होते है जो लोगो की खरीद बिक्री में मदद करते है और कमीशन चार्ज करते है ये कोई व्यक्ति भी हो सकता है जो शेयर मार्केट में रजिस्टर्ड हो या कोई फर्म भी हो सक