पवन गोयनका जी को लोग फादर ऑफ स्कॉर्पियो मैन के नाम से भी जनता है वह एक इंडियन बिजनेस मैन है । एक इंडियन बिजनेस मैन है वह महिंद्रा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके है इनकी देख रेख़ में ही महिंद्रा ग्रुप में स्कॉर्पियो का सपना साकार हुआ था आइए जाने है पवन कुमार गोयनका की और विशेषता पढ़ाई शिक्षा और करियर के बारे में हमारे इस पोस्ट में।
नाम | पवन कुमार गोयनका |
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पिता का नाम | श्याम सुंदर गोयनका |
माता का नाम | परमेश्वर गोदरेज |
पत्नी | ममता गोयनका |
बच्चे | पूजा गोयनका पुनीत गोयनका |
वयवसाय | व्यवसाई |
जन्म तिथि | 23 सितंबर 1954 |
जन्म दिन | 23 सितंबर |
पढ़ाई | आईआईटी कानपुर से बीटेक 1975 कार्नेल विश्व विद्यालय से पीएचडी 1979 |
पद | महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के एमडी सैंगयोंग मोटर कोरिया के अध्यक्ष |
नेट वर्थ | 1 मिलियन से 5 मिलियन सोर्स गूगल |
पवन कुमार गोयनका
जन्म और प्रारंभिक शिक्षा
पवन कुमार गोयनका का जन्म 23 सितम्बर 1954 श्याम सुंदर गोयनका और परमेश्वर गोदरेज के यहां हरपालपुर मध्यप्रदेश में हुआ था । इनकी प्रारंभिक शिक्षा जैन विद्यालय कोलकाता में हुई थी उसके बाद इन्होंने अपना मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक आईआईटी कानपुर से 1975 में किया उसके बाद आगे की पीएचडी की पढ़ाई कार्नेल विश्व विद्यालय अमेरिका में की थी ।इन्होंने हावर्ड बिजनेस स्कूल में एक छह सप्ताह के उन्नत प्रबंध कार्यक्रम में भी भाग लिया था ।
जब पवन गोयनका जी अमेरिका गए पवन गोयनक की मास्टर डिग्री कृत्रिम कूल्हे जोड़ों के लुब्रिकेशन (चिकना करना) और ट्राइबोलॉजी (में सापेक्ष गति में परस्पर क्रिया करने वाली सतहों के डिजाइन, घर्षण, पहनने और स्नेहन lubrication पर )काम करता है । और बाद में उनके पीएच.डी. के लिए इंजन लुब्रिकेशन ( स्नेहन ) और ट्राइबोलॉजी (में सापेक्ष गति में परस्पर क्रिया करने वाली सतहों के डिजाइन, घर्षण, पहनने और स्नेहन lubrication पर ) पर काम करता है। कॉर्नेल विश्वविद्यालय में उन्होंने जो अपनी थीसिस इस पर दी उसने उन्हें व्यापक पहचान दी।
PhD (डॉक्टरेट) की उपाधि ग्रहण करने के बाद, डॉ पवन कुमार गोयनका ने जनरल मोटर्स के डेट्रॉइट में एक वैश्विक अनुसंधान और विकास केंद्र, शामिल हो गए, जहां उन्होंने इंजन स्नेहन और ट्राइबोलॉजी में अनुसंधान जारी रखा।
उन्होंने FLARE (एक सॉफ्टवेयर पैकेज जो चिकनाई करने वाले पारस्परिक इंजनों का घर्षण और स्नेहन विश्लेषण) को विकसित किया, जो दुनिया भर में ऑटोमोबाइल उद्योग में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। बाद में, उन्होंने यांत्रिक घटकों और NVH Noise Vibrations Harshness एनवीएच (शोर, कंपन, कठोरता) में जनरल मोटर्स के इंजन अनुसंधान गतिविधियों का नेतृत्व किया। उनके जो खोज 20 साल पहले किए गए थे आज भीं ऑटो उद्योग में इस्तेमाल किए जाते है ।
पवन कुमार गोयनका का कैरियर Pawan Kumar Goynka Carrier
पवन गोयनका ने 1979 से 1993 तक डेट्रॉयट अमेरिका के जनरल मोटर्स के आर एंड डी डिपार्टमेंट में काम किया था ।करीब 14 साल जनरल मोटर्स मेंं काम करनेे के बाद वो भारत लौट आए और महिंद्रा एंड महिंद्रा के आर एंड डी डिपार्टमेंट में काम शुरू किया । उनका पहला कार्य सीएडी और सीएएम को सही करना इंजन और वाहन NVH से संबंधित समस्याओं से को दूर करना था , इसने आर्मडा और फिर क्रिसलर-चेरोकी परियोजना की काम करने के लिए एक परियोजना का नेतृत्व किया। बाद में वह अरमाडा बोलेरो और महिंद्रा लोड किंग जैसी अन्य महिंद्रा ग्रुप की परियोजनाओं में लग गए।
1993 महिंद्रा में आरएंडडी के एमडी के रूप में शामिल हुए। 1995 में आनंद महिंद्रा ने उन्हें एक ऐसे गाड़ी को बनाने का जिम्मा सौंपा जो ग्लोबल मार्केट में अपनी पकड़ बना सके और महिंद्रा ग्रुप का नाम करे उसके बाद जो गाड़ी बनी उसने इतिहास रचा है । उन्हे फादर ऑफ स्कॉर्पियो स्कॉर्पियो का जनक कहां जाता है ।
2003 में महिंद्रा एंड महिंद्रा में पवन गोयनका को मोटर वाहन क्षेत्र के लिए मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था ।
2005 सितंबर में, वे महिंद्रा ग्रुप में मोटर वाहन क्षेत्र के अध्यक्ष बने ।
2010 अप्रैल तक वे महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप में मोटर वाहन और कृषि उपकरण क्षेत्रों के अध्यक्ष थे।
2013 में महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ के पद पर नियुक्त किया गया था। अप्रैल 2014 में, उन्होंने टू व्हीलर व्यवसाय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली।
2016 नवंबर में डॉ पवन कुमार गोयनका को एमएंडएम के प्रबंध निदेशक के रूप में पदोन्नत किया गया था।
पवन गोयनका सियाम, सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स इंडिया और एआरएआई गवर्निंग काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष हैं,
अगस्त 2013 से अगस्त 2014 तक राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के बोर्ड सदस्य भी रहे है ।
वह सीआईआई के राष्ट्रीय परिषद सदस्य और आईआईटी मद्रास के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष भी हैं ।
2021सितंबर में, पवन गोयनका को एसीसी द्वारा INSPACe के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था ।
शादी Marrige
पवन गोयनका की शादी ममता गोयनका से हुआ है जो कैंसर रोगियों के देखभाल करने में अपना समय देती है और उनके उपचार और उपचार के बाद देखभाल में मदद करती है । दंपति के दो बच्चे पूजा गोयनका , पुनीत गोयनका है ।
पवन कुमार गोयनका को मिले पुरस्कार
पुरस्कार | |
1986 | जनरल मोटर्स से असाधारण उपलब्धी का पुरस्कार |
1985 | जनरल मोटर्स द्वारा चार्ल्स एल. मैककुएन अचीवमेंट पुरस्कार |
1987 | बर्ल्ट एल न्यूकिर्क पुरस्कार प्राप्त किया |
1991 | जनरल मोटर्स द्वारा चार्ल्स एल. मैककुएन अचीवमेंट पुरस्कार |
1997 | SAE द्वारा उत्कृष्ट अंतराष्ट्रीय सलाहकार पुरस्कार |
2004 | IIT कानपुर द्वारा प्रतिष्ठित छात्र का पुरस्कार |
2004 | INAE इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियर्स का फेलो |
2004 | SAE के इंटरनेशनल फेलो यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे भारतीय है । |
2007 | ऑटो कार द्वारा मैन आफ द इयर |
2007 | ऑटो कार द्वारा मैन आफ द इयर |
2011 | एनडीटीवी कार एंड बाइक द्वारा ऑटोमोटिव मैन आफ द ईयर |
2011 | ऑटो कार द्वारा मैन ऑफ द ईयर पुरस्कार को प्राप्त किया |
2012 | अपोलो सीवी अवॉर्ड्स द्वारा सीवी मैन ऑफ द इयर अवार्ड दिया गया था |
2012 | SAI इंडिया फाउंडेशन द्वारा उत्कृष्ट इंजीनियर अवार्ड दिया है था |
2015 | आईआईटी कानपुर द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि |
2016 | फिएस्टा मेडल ऑफ ऑनर यह पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय है |
2020 | कार ऑफ इंडिया द्वारा उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया |
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