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Tata Technologies IPO Date 2023।टाटा टेक्नोलॉजी आईपीओ कब आएगा

नमस्कार दोस्तो, टाटा ग्रुप को तो हर कोई जानता है आज पूरे विश्व में इसका व्यापार फैला है।अगर आप निवेशक है,और शेयर बाजार में आपकी रुचि है तो टाटा ग्रुप के आने वाले  IPO के लिए  भी आप उत्साहीत होंगे , क्योकि टाटा ग्रुप की किसी कम्पनी का आईपीओ 19 साल बाद आने वाला है। तो आज के पोस्ट में हम बात करेंगे tata groups upcoming ipo के बारे में यानि की tata groups of companies की कौन सी कंपनी है जिसका आईपीओ आने वाला है तो जान लीजिए की, हम बात करेंगे टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज  के Tata Technologies upcoming ipo के बारे में तो आइए जानते है विस्तार से। Tata Technologies IPO Date 2023 टाटा ग्रुप की टाटा टेक्नोलॉजी (Tata Technologies IPO) ने इस साल मार्च महीने में अपना आईपीओ लाने के लिए सेबी के पास ड्रॉफ्ट पेपर जमा कराए थे जिसकी मंजूरी बाजार नियामक सेबी (SEBI) से टाटा टेक्नोलॉजीज के आईपीओ (Tata Technologies IPO) को मिल चुकी है। Tata Technologies IPO (Initial Public Offering) के लिए अप्रूवल मिलने के बाद से ही निवेशकों के बीच में इसे लेकर काफी उत्साह है।  आईपीओ को सेबी से अप्रूवल मिलने के बाद भी कंपनी इसके लॉन्

Natarajan Chandrasekaran CEO of Tata group न. चंद्रशेखरन की सैलरी कितनी है

Natarajan Chandrasekaran नटराजन चंद्रशेखरन  आज हम आपको अपने ब्लॉग पोस्ट में टाटा ग्रुप के चैयरमैन न. चंद्रशेखरन के बारे में बता रहे है तो आइए जानते है कौन है न.  चंद्रशेखरन Natarajan Chandrasekaran और क्या करते है टाटा ग्रुप में मेरे इस पोस्ट में  प्रारंभिक जीवन और शिक्षा  early life and education टाटा ग्रुप के चेयरमैन Natarajan Chandrasekaran  न. चंद्रशेखरन का जन्म वर्ष 1963 में तमिलनाडु राज्य में नमक्कल के नजदीक स्थित मोहनुर में एक किसान परिवार में हुआ था.एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं ।चंद्रशेखरन की प्राथमिक शिक्षा तमिल मीडियम स्कूल में हुई और वह अपने दो भाइयों के साथ मोहनूर नाम के गांव में 3 किमी पैदल चलकर स्कूल जाया करते थे। उनको फिर प्राथमिक शिक्षा के बाद प्रोग्रामिंग में लगाव हो गया और फिर   प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात चंद्रशेखरन ने कोयम्बटूर स्थित कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नामांकन कराया और यहां से एप्लाइड साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल किया. तत्पश्चात वे त्रिची (वर्तमान में तिरुचिराप्पली) स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर एप्लीक

TATA STEEL: Tata steel share price टाटा स्टील कहा कि कंपनी है

TATA STEEL ट ाटा ग्रुप का आज के समय में उद्योग जगत में एक अलग रुतबा और नाम है ऐसा ग्रुप की कंपनियों के लगातार आगे बड़ने की वजह से है टाटा ग्रुप अपने स्थापना साल 1868 से आज काफी आगे और मजबूत स्थिति में है । आज टाटा ग्रुप   विश्व में पांच महादीप में स्थित है ।इसकी आज करीब 95 कंपनिया पूरे विश्व में कार्यरत है उन्ही में से हम आज हम अपने इस पोस्ट में टाटा स्टील के बारे में बात करेंगे तो आइए जानते है टाटा स्टील के बारे में   टाटा स्टील     की स्थापना 1907 जमशेदपुर झारखंड   में जेआरडी टाटा द्वारा     की गयी थी   की गयी थी शुरू में इसका नाम टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी लिमिटड   टिस्को था ।     पूरी   दुनिया की   5 सबसे बडी इस्पात निर्माता   कंपनी है जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता   34 मिलियन टन प्रति वर्ष   क च्चे इस्पात की 2021 तक है । की है । यह इस उत्पादन क्षमता के साथ शीर्ष वैश्विक स्टील कंपनियों में से एक है। यह फार्च्यून  500   कंपनियों में भी शुमार है जिसमें इसका स्थान  315   वां है। कम्पनी का   मुख्य कर्यालय मुंबई   ( महाराष्ट्र ) में स्थित   ।

Tata Group : टाटा ग्रुप आइए जानते है tata group company list ke bare me

TATA GROUP   टाटा ग्रुप की स्थापना   एक भारतीय पारसी   परिवार   जन्मे जमशेदजी टाटा ने   की थी .   जमशेदजी     ने साल 1868 में महज 21 हजार रुपए में एक दिवालिया तेल मिल को खरीदा था और इसके बाद वहां रुई के कारखाने की शुरुआत की . बाद में उन्होंने इसे बेच दिया और 1874 में,   एम्प्रेस मिल नाम से नागपुर में   एक   सूती मिल की स्थापना की और उन्होंने   जीवन के अपने चार   लक्ष्य   भी बनाएं   रखे . 1 . एक   लौह और स्टील कंपनी का निर्माण 2.एक   वर्ल्ड लेवल का   शिक्षण संस्थान बनाना 3. एक अच्छे और शानदार होटल का निर्माण     4. हाइड्रो पावर प्लांट का निर्माण करना  उन्होंने साल1903 ताजमहल होटल का निर्माण किया जो उस समय बिजली     से जगमग हिंदुस्तान का पहला होटल था जिसका एक दिन का किराए 10 रुपया और पंखे के साथ 13 रुपया था यह काफी शानदार होटल है वो अपने सारे सपने तों पुरे नहीं कर पाए लेकिन उनकी आगे की पीढ़ी ने उनके सभी सपनों को साकार किया . टाटा के आगे बढ़ने में उनका योगदान अतुल्य रहा . जिसे देखते हुए उस समय के बिहार अब   झाड़खंड