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Natarajan Chandrasekaran CEO of Tata group न. चंद्रशेखरन की सैलरी कितनी है

Natarajan Chandrasekaran नटराजन चंद्रशेखरन 

आज हम आपको अपने ब्लॉग पोस्ट में टाटा ग्रुप के चैयरमैन न. चंद्रशेखरन के बारे में बता रहे है तो आइए जानते है कौन है न. चंद्रशेखरन Natarajan Chandrasekaran और क्या करते है टाटा ग्रुप में मेरे इस पोस्ट में 

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा  early life and education

टाटा ग्रुप के चेयरमैन Natarajan Chandrasekaran  न. चंद्रशेखरन का जन्म वर्ष 1963 में तमिलनाडु राज्य में नमक्कल के नजदीक स्थित मोहनुर में एक किसान परिवार में हुआ था.एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं ।चंद्रशेखरन की प्राथमिक शिक्षा तमिल मीडियम स्कूल में हुई और वह अपने दो भाइयों के साथ मोहनूर नाम के गांव में 3 किमी पैदल चलकर स्कूल जाया करते थे। उनको फिर प्राथमिक शिक्षा के बाद प्रोग्रामिंग में लगाव हो गया और फिर  प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात चंद्रशेखरन ने कोयम्बटूर स्थित कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नामांकन कराया और यहां से एप्लाइड साइंस में स्नातक की डिग्री हासिल किया. तत्पश्चात वे त्रिची (वर्तमान में तिरुचिराप्पली) स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर एप्लीकेशन में वर्ष 1986 में मास्टर डिग्री धारक बने. मास्टर डिग्री प्राप्त करने के पश्चात चंद्रशेखरन ने वर्ष 1987 में टीसीएस (Tata Consultancy Services) में बतौर इंटर्न शिप  सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर नौकरी के साथ अपने कैरिएर की शुरुआत की थी.

 न. चंद्रशेखरन का टाटा ग्रुप के चेयरमैन बनने तक सफर   N. Chandrasekara journey chairman  of TATA Group


1987 में टीसीएस (Tata Consultancy Services) में बतौर इंटर्न शिप सेशुरुआत करने के बाद अपनी लगन वह मेहनत के बूते 2007 में  टीसीएस के  COO  (Chief Operating Officer) मुख्य परिचालन अधिकारी  और फिर 6 अक्टूबर 2009 टीसीएस मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) के पद तक पहुंचे. अपनी काबिलियत , मेहनत और नेतृत्व क्षमता की बदौलत वह वर्ष 2002 में TCS के ग्लोबल सेल्स हेड बने  इस पद पर रहते हुए चंद्रशेखरन ने खुद को एक काबिल बिजनेस लीडर साबित किया. कंपनी का कारोबार बढ़ाने के उद्देश्य से उन्होंने पारंपरिक लीक से हटते हुए प्रबंधन में कई नए प्रयोग किए.अपने एक प्रयोग के तहत ईउन्होंने TCS को 23 बिजनेस यूनिट में विभाजित कर दिया था, जिसके परिणाम यह हुआ की  कंपनी की कार्यप्रणाली में  बहुत परिवर्तन आया और उसने TCS  को देश आईटी (Information Technology) कंपनियों की कतार में पहले स्थान पर पहुंचा दिया । टीसीएसटी से पहले यह खिताब  आईटी कंपनी इनफ़ोसिस को प्राप्त था । सभी को पता चल गया की  चंद्रशेखरन को न केवल तकनीक  की  समझ और विशेषज्ञता  हासिल है बल्कि उन्हें प्रबंधन के क्षेत्र में भी महारत हासिल  हैं.

न. चंद्रशेखरन की दूरदर्शिता और  विशेषज्ञता का ही परिणाम था कि जिस TCS की आमदनी 2010 में 30,000 करोड़ रुपये थी, आज वह बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है. उनके कार्यकाल  में कंपनी का मुनाफा भी तीन गुना बढ़ा है. आज TCS का मुनाफा 7,093 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,375 करोड़ रुपये हो गया है. गौरतलब है कि टाटा समूह की कुल आमदनी में TCS का योगदान 70 फीसदी से ज्यादा है । न. चंद्रशेखरन के ही योग्य नेतृत्व का परिणाम है कि वर्तमान में TCS को देश के सबसे मूल्यवान कंपनी का दर्जा प्राप्त है जिसका बाज़ार पूंजीकरण (Market Capitalisation) लगभग 4.2 लाख करोड़ रुपये है. एन चंद्रशेखरन की लीडरशिप में टीसीएस ने 2015-16 में 16.5 अरब डॉलर का रेवेन्यु जनरेट था । न. चंद्रशेखरन का नाम  दुनिया में काबिलियत, नेतृत्व क्षमता और बेहतर परिणाम देने वाले शख्स के तौर पर जाना जाता है. टाटा ग्रुप के  टीसीएस को  न. चंद्रशेखरन ने करीब  अपनी जिंदगी के 30 साल दिए है । इन 30 सालो के दौरान वह साधारण कर्मचारी से प्रोन्नत होते हुए (COO),  (CEO), (MD) उसके बाद चंद्रशेखरन को अक्टूबर 2016 में टाटा ग्रुप  के बोर्ड में शामिल किए गए है जो उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है। और उसके बाद जनवरी 2017 में उन्हें  साइरस मिस्त्री की जगह हुई थी चेयरमैन नियुक्त किया गया था और फरवरी 2017 में उन्होंने टाटा  ग्रुप के चेयरमैन पद संभाला था। । टाटा ग्रुप  ने  पहली बार  किसी गैर पारसी को अपना  एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाया गया। न.चंद्रशेखरन टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर और टीसीएस जैसी कंपनियों के बोर्ड में भी चेयरमैन हैं। एयर इंडिया को टाटा ग्रुप की झोली में वापस लाने में भी न. चंद्रशेखरन की बड़ी भूमिका निभाई थी।

न. चंद्रशेखरन व्यक्तिगत जीवन N. Chandrasekaran personal life

 न. चंद्रशेखरन एक बाडिया  फोटोग्राफर और एक  मेराथन प्रेमी भी है चंद्रशेखरन को मैराथॉन दौड़ने का बहोत शौक है और इस वजह से लोग इन्हें मैराथॉन मैन के नाम से भी  बुलाते  हैं।  न. चंद्रशेखरन देश और विदेश में कई मैराथॉन दौड़  में हिस्सा ले चुके हैं । इनमें मुंबई, एम्स्टर्डम, बोस्टन, शिकागो, बर्लिन, न्यूयॉर्क और टोक्यो में आयोजित होने वाले मेराथन प्रमुख हैं. इनका सबसे बेहतर मेराथन दौड़ में  रिकॉर्ड 5 घंटे 52 सेकंड का है, जो इन्होने वर्ष न्यूयॉर्क मैराथन  2014 में बनाया था ।  चंद्रशेखरन अपनी पत्नी ललिता और पुत्र प्रणव के साथ मुंबई में रहते हैं.  न. चंद्रशेखरन ने  दुनिया में जिस मुकाम को हासिल किया है, वह काबिले तारीफ है ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है ।

न. चंद्रशेखरन को मिले सम्मान और पुरस्कार N. Chandrasekaran Achievements and Awards

न. चंद्रशेखरन को  देश और दुनिया भर में कई  पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं. साल  2016 में  भारत के राष्ट्रीय बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक ने चंद्रशेखरन को में अपने बोर्ड में निदेशक के पद पर नामित किया था ।

साल 2012-13 में वह भारतीय सूचना प्रोद्योगिकी कम्पनीयों की शीर्ष संस्था नैसकॉम (NASSCOM) के चेयरमैन पद को भी सुशोभित कर चुके हैं. बहरहाल वह इस संस्था के प्रशासनिक कार्यकारी परिषद् (Governing Executive Council) के सदस्य भी हैं

साल 2015-16 में न. चंद्रशेखरन  स्विट्ज़रलैंड के दावोस में स्थित विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) में दुनिया भर के सूचना प्रोद्योगिकी (IT) कम्पनीयों की संस्था का भी नेतृत्व कर चुके हैं।


वह भारत-अमेरिका CEO मंच के भी सदस्य रहे हैं.

इसके अलावा वह भारत सरकार द्वारा गठित विशेष व्यापारिक कार्यबल (Special Business Taskforce) के भी सदस्य रहे हैं. जिसे ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, जापान और मलेशिया के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए गठित किया गया था ।

 

हैदराबाद स्थित जवाहरलाल नेहरु टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (JNTU) ने वर्ष 2014 में चंद्रशेखरन को (Honorary Doctorate)  मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया था।

न. चंद्रशेखरन नीदरलैंड के न्येंरोदे बिज़नस यूनिवर्सिटी से भी मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित हो चुके हैं.

न. चंद्रशेखरन को कई भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा भी मानद उपाधियों से सम्मानित किया गया है ।

साल 2010 एसआरएम विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान

साल 2012 केआईआईटी विश्वविद्यालय

साल 2013 गीतम विश्वविद्यालय

साल 2022 में न. चंद्रशेखरन को सबसे प्रतिष्ठित सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है ।

 

पुरस्कार

एआईमए (All India Management Association) द्वारा साल 2011 का ‘Business Leader’ पुरस्कार।

एनडीटीवी NDTV द्वारा सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए साल 2012 का ‘Business Leader’ पुरस्कार से सम्मानित.

Institutional Investors (संस्थागत निवेशकों) के संघ द्वारा लगातार 5 वर्षों तक ‘Best CEO’ का ख़िताब दिया गया ।

सीएनबीसी टीवी 18 (CNBC TV 18) द्वारा साल  2014 में ‘Indian Business Icons’ का ख़िताब दिया गया ।

Business Today ग्रुप द्वारा लगातार तीन वर्ष 2013, 2014 और 2015 में ‘Best CEO’ का पुरस्कार दिया गया।

नीदरलैंड की राजधानी एम्स्टर्डम के साथ भारत के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने में न. चंद्रशेखरन के विशेष योगदान के लिए उन्हें एम्स्टर्डम शहर के प्रतिष्ठित मैडल ‘Frans Banninck Coqc’ से सम्मानित किया जा चुका है. 



Natarajan Chandrasekaran ने जिस तरह अपनी मंजिल को तय किया है वह बहुत कम लोगो में देखने को मिलता है आशा है आपको  न. चंद्रशेखरन में जानकारी मिल गई होगी ।


कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर 

Q1-  न. चंद्रशेखरन का जन्म कब हुआ था ?

Ans-  न. चंद्रशेखरन का जन्म वर्ष 1963 में तमिलनाडु राज्य में नमक्कल के नजदीक स्थित मोहनुर में एक किसान परिवार में हुआ था ।

Q2- न. चंद्रशेखरन की पत्नी का क्या नाम है ? 

Ans- न. चंद्रशेखरन की पत्नी का नाम ललिता है ।

Q3-  न. चंद्रशेखरन को पद्म भूषण से कब सम्मानित किया गया था ?

Ans- साल 2022 में न. चंद्रशेखरन को सबसे प्रतिष्ठित सम्मान पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया है ।

Q4-  न. चंद्रशेखरन की सैलरी कितनी है ? 

Ans- Natarajan Chandrasekaran की सैलरी करीब 109 करोड़ रुपए हैं ।

Q5- न. चंद्रशेखरन ने किस साल में टीसीएस TCS ज्वाइन किया था ?

Ans-  न. चंद्रशेखरन ने किस साल ,1987  में  टीसीएस TCS ज्वाइन किया था ।


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आप यह भी पढ़ सकते है Tata Motors , TATA GROU


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