मनोविज्ञान का क्षेत्र बहुत बड़ा है हर जगह इसका उपयोग किसी न किसी रूप में हर क्षेत्र में होता है आजंके इस पोस्ट में हम बात करेंगे शिक्षा मनोविज्ञान के इतिहास के बारे में तो आइए विस्तार से जानते है शिक्षा- मनोविज्ञान का इतिहास : History of Education Psychology:शिक्षा-मनोविज्ञान का अर्थ प्रकृति और परिभाषा शिक्षा-मनोविज्ञान का इतिहास(History of education psychology) हमारे देश में शिक्षा व्यवस्था बहुत ही प्राचीन समय से है ,ज्ञान - विज्ञान तथा सांस्कृतिक कार्यों की प्राचीनतम धरोहर भारत में है। प्राचीनतम शिक्षा तथा शिक्षा व्यवस्था का जन्म भारत में ही हुआ है। प्राचीन जैन ग्रंथों में शिक्षा तथा मनोविज्ञान के अनेक तत्वों का वर्णन मिलता है। मांडा भूमि , खिंडा भूमि , विमांसा भूमि , जुगुत भूमि , शेखा भूमि , पिता - पुत्र भूमि माना ज्ञान विकास के विभिन्न सोपान रहे हैं। महाभारत में मानव के विकास को 10 अवस्थाओं - भोपा , जन्म , शैशव , बाल्यकाल , लड़कपन , पूर्व कैशोर्य , कैशोर्य , मध्य , बुढ़ापा तथा मृत्यु - में विभक्त किया ...
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