KAAL BHAIRAV MANDIR
काल भैरव मन्दिर
हर मंदिर की कुछ न कुछ ख़ास विशेषता है। मुख्य रूप से वाराणसी को मंदिरों की नगरी के रूप में जाना जाता है। वाराणसी के प्रत्येक मंदिर की अलग विशेषता है।
यहां स्थित मंदिरों में से एक प्रमुख मंदिर है काशी का काल भैरव मंदिर। इस मंदिर की सबसे ख़ास और चौंका देने वाली बात है कि यहां भैरव जी को प्रसाद स्वरुप मदिरा यानी कि शराब चढ़ाई जाती है।
आइए जानें इस मंदिर से जुडी कुछ और ख़ास बातें जो आपने पहले नहीं सुनी होंगी। काल भैरव मन्दिर वाराणसी कैन्ट से लगभग ३ कि० मी० पर शहर के उत्तरी भाग में स्थित है। यह मन्दिर काशीखण्ड में उल्लिखित पुरातन मन्दिरों में से एक है। इस मन्दिर की पौराणिक मान्यता यह है, कि बाबा विश्वनाथ ने काल भैरव जी को काशी का क्षेत्रपाल नियुक्त किया था। काल भैरव जी को काशीवासियो के दंड देने का अधिकार है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काशी में मृत्यु देने से पहले यमराज को काल भैरव से अनुमति लेनी पड़ती है। भैरव की अनुमति के बिना काशी में यमराज भी कुछ नहीं कर सकते हैं। मंदिर के गर्भगृह में काल भैरव की चांदी की मूर्ति है, जो कि भैरव के वाहन कुत्ता है, पर विरामान है।
कहा जाता है कि काशी में जिसने काल भैरव के दर्झन नहीं किए , उसको बाबा विश्वनाथ की पूजा का भी फल नहीं मिलता है। बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर का जिक्र महाभारत और उपनिषद में भी किया गया है।
रविवर को दर्शन करने से भक्तों की सभी मोनोकामनाय पूर्ण होती है तो जब भी बनारस आये मत्था जरुर टेके हर हर महादेव।
वाराणस्यां भैरवो देवो, संसार भयनाशनम्।
अनेक जन्म कृतं पापम्, दर्शनेन विनश्यति।।
काशी के कोतवाल बाबा श्री कालभैरव जी महाराज जय महाकाल।। 🙏
हर-हर महादेव।।🙏
। ॐ ।
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