Skip to main content

भगवान कृष्ण का जाप करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती है

भगवान कृष्ण का जाप करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती है :-



श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण के बालस्वरूप की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के सभी नामों का जाप करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती. उनके कष्ट मिट जाते हैं. भक्तों के हर सपने पूरे होते हैं. जो दंपत्ति संतान चाहते हैं. उन्हें जन्माष्टमी व्रत के दिन कृष्ण के नामों का जाप करना चाहिए. उत्तम फल मिलता है.

भगवान श्री कृष्ण एक महान वक्ता के रूप में जाने जाते थे, जिन्होंने दुनिया को प्रेम और कर्म का पाठ पढ़ाया. श्री कृष्ण ने भागवत गीता की रचना की थी और उनके मुंह में पूरा ब्रह्मांड समाया था. 

ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान श्री कृष्ण के शरीर पर कुछ खास निशान थे, जिन्हें बहुत ही शुभ माना जाता है. इस तरह के निशान अगर किसी इंसान के शरीर पर हों तो यकीनन वो दुनिया का सबसे खुशहाल, स्वस्थ और समृद्ध इंसान हो सकता है.

कान पर तिल:- जिन लोगों के कान पर तिल होता है, उन्हें बेहद लकी समझा जाता है.
हाथ पर तिल- अगर किसी इंसान के हाथ पर तिल हो तो ऐसे इंसान को साधारण समझने की भूल ना करें. ऐसे लोग बहुत ज्यादा मेहनती और विनम्र स्वभाव के होते हैं.


बगल में तिल :- यदि किसी इंसान के बाएं हाथ के बगल में तिल हो तो ऐसे लोग जीवन में बड़ी कामयाबी हासिल करते हैं. लेकिन बहुत संघर्ष के बाद. वहीं, दाहिने हाथ के बगल में तिल या मस्से का मलतब है कि उस इंसान को बहुत संभलकर रहने की आवश्यकता है.

अर्ध चंद्र:- ऐसा कहा जाता है कि श्रीकृष्ण के पैर के तलवे पर अर्ध चंद्र का निशान था. यही अर्ध चंद्र भगवान शिव के मस्तक पर भी सजा हुआ है. ऐसा कहते हैं कि जिन लोगों के शरीर पर ये अर्ध चंद्र होता है, वो करियर के मामले में ऊंचाइयों को छूते हैं.

शंख- श्री कृष्ण के पैर के तलवे पर शंख जैसा भी एक निशान था. भगवान विष्णु के एक हाथ में भी शंख होता है, जिसकी ध्वनि से अंतर्आत्मा और चेतना जागृत होती है. शरीर पर शंख जैसा निशान जीवन में सफलता और सुख-शांति का प्रतीक समझा जाता है.


*मछली जैसा निशान:- श्री कृष्ण की हथेली और पैर पर मछली जैसा निशान भी था. हिंदू धर्म में मछली को भगवान विष्णु को अवतार समझा जाता है. ऐसा कहते हैं कि शरीर पर ये निशान प्रतिष्ठा का प्रतीक होता है.


आपको ब्लॉग कैसा लगा कॉमेंट में जरूर बताएं ताकि हम जरूरी बदलाव कर सके आपके विचार हमारे लिए महत्वपूर्ण है हमारे ब्लॉग को फॉलो करे और अपनी राय दे धन्यवाद ।

Comments

Popular posts from this blog

Manikarnika Ghat : मणिकर्णिका घाट वाराणसी ( काशी ) जहां दिन रात जलती रहती है चिताएं

बनारस शहर या काशी को घाटों का शहर भी कहते है यह पे कुल 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर कुल 84 घाट है इन्ही घाटों में एक मोक्ष प्रदान करने वाला घाट भी है जहा दिन रात चौबीस घंटों चिताओं को जलाया जाता है जिसे Manikarnika Ghat : मणिकर्णिका घाट वाराणसी ( काशी ) जहां दिन रात जलती रहती है चिताएं  कहा जाता है तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से इस पोस्ट में । मणिकर्णिका घाट  मणिकर्णिका घाट काशी के 84 घाटों में सबसे पुराना और प्राचीन घाट है यह घाट अपनी निरंतर और सदियों से जलती चिताओं की आग के कारण जाना जाता है कहते है जिसका यहां अंतिम संस्कार होता है उसको सीधे  मोक्ष की प्राप्ति होती है  मणिकर्णिका घाट उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले और वाराणसी शहर में स्तिथ है आप वाराणसी कैंट से सीधे ऑटो लेकर वाराणसी चौक  चौराहे से आगे गलियों द्वारा जा सकते है । कहते है यहां कभी चिता की आग नही बुझती है हर रोज यहां 250 से 300 करीब शवों का अंतिम संस्कार होता है लोग शवों के साथ अपनी बारी का इंतजार करते है और फिर दाह संस्कार करते है ।  यहां पे आज भी शवों पर टैक्स की पुरानी परंपरा जारी है और आज भी टैक्स वसूला ज

Nobel Prize : नोबेल पुरस्कार क्यों और कब दिए जाते है और क्या होता है नोबेल पुरस्कार

Nobel Prize  नोबेल पुरस्कारों 2022 (nobel prize 2022)की घोसणा हो चुकी है हर साल नोबेल पुरस्कार अपने क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वालो को नोबेल फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है तो आपके मन में भी आता होगा क्या होता है नोबेल पुरस्कार तो आइए जानते है नोबेल पुरस्कार क्या होता है कब शुरु किया गया था कब वितरित होता है नोबेल पुरस्कार नोबेल पुरस्कार हर  साल 6 श्रेणि में नोबेल पुरस्कार दिए जाते है पहले पांच श्रेणी में ही नोबेल पुरस्कार दिए जाते थे बाद में अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार 1968 में, स्वीडन के केंद्रीय बैंक ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में नोबेल पुरस्कार में  जोड़ा था । स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में साल 1901 से हर साल नोबेल फाउंडेशन द्वारा असाधारण कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) दिया जाता है. नोबेल पुरस्कार छह अलग-अलग क्षेत्रों में दिया जाता है और हर नोबेल पुरस्कार एक अलग समिति द्वारा प्रदान किया जाता है. नोबेल पुरस्कार को विश्व में बौद्धिक उपलब्धि के लिये दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है, जो स्वीडिश आविष्कारक और उ

Search Engines Marketing। सर्च इंजन मार्केटिंग। सर्च इंजन मार्केटिंग कैसे करें। सर्च इंजन मार्केटिंग क्या है। फायदे, प्रकार sem और seo में क्या अंतर है

बढ़ते डिजिटलीकरण के इस दौर में मार्केटिंग भी अखबारों और टीवी से होते हुए इंटरनेट और सोशल मीडिया तक आ पहुंची है।और हर व्यवसाय और सर्विस प्रदाता की यही सोच रहती है की उसकी मार्केटिंग कैंपेन सबसे पहले पेज पर दिखे, बस इसी आगे और ऊपर आने की जरूरत ने जन्म दिया है सर्च इंजन मार्केटिंग को अगर आप सर्च इंजन मार्केटिंग (sem) को नही जानते तो हम इस पोस्ट में आपको विस्तार से बताएंगे तो आइए देखते है मेरे पोस्ट को search engines marketing। सर्च इंजन मार्केटिंग। सर्च इंजन मार्केटिंग कैसे करें। सर्च इंजन मार्केटिंग क्या है। Search Engines Marketing। सर्च इंजन मार्केटिंग  हम सब ने अखबारों में टीवी पर ऐड देखा ही है रेडियो पर सुना है,पर अब मार्केटिंग कैंपियन इससे आगे निकल कर इंटरनेट पर आ गए है,और अपने टारगेट ऑडियंस और सर्च क्वेरी में सबसे ऊपर बने रहे के लिए वो सर्च इंजन मार्केटिंग का सहारा लेते है। और यही से सर्च इंजन मार्केटिंग का काम शुरू होता है तो सर्च इंजन मार्केटिंग एक तरीके से पैसे लेकर आपके ब्रांड या सर्विस की visibility को ऑनलाइन बढ़ाने की कोशिश करते है इसे paid marketing भी कहते है। सर्च इंजन मार