15 August Desh Bhakti geet
Desh Bhakti geet
देश भक्ति गीत
हम यहां कुछ गीत बता रहे है जो स्वतंत्रता दिवस समारोह में गाए जाते है तो आइए देखते है ।
1- जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा -
जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का
पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती
ये धरती वो जहाँ ऋषि मुनि
जपते प्रभु नाम की माला
हरी ॐ, हरी ॐ, हरी ॐ, हरी ॐ
जहाँ हर बालक एक मोहन है
और राधा इक-इक बाला
और राधा इक-इक बाला
जहाँ सूरज सबसे पहले आ कर
डाले अपना फेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ गंगा, जमुना, कृष्ण और
कावेरी बहती जाए
जहाँ उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम
को अमृत पिलवाये
ये अमृत पिलवाये
कहीं ये फल और फूल उगाये
केसर कहीं बिखेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
अलबेलों की इस धरती के
त्यौहार भी हैं अलबेले
कहीं दीवाली की जगमग है
होली के कहीं मेले
कहीं दीवाली की जगमग है
होली के कहीं मेले, होली के कहीं मेले
जहाँ राग रंग और हँसी खुशी का
चारो और है घेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ डाल-डाल पर
सोने की चिड़िया करती है बसेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ आसमान से बातें करते
मंदिर और शिवाले
किसी नगर मे किसी द्वार पर
कोई न ताला डाले,
कोई न ताला डाले
और प्रेम की बंसी जहाँ बजाता
आये शाम सवेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जहाँ सत्य, अहिंसा और धर्म का
पग-पग लगता डेरा
वो भारत देश है मेरा
वो भारत देश है मेरा
जय भारती, जय भारती, जय भारती, जय भारती
2- ये देश है वीर जवानों का -
ओ… ओ… ओ…
ये देश है वीर जवानों का
अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों
होय
इस देश का यारों क्या कहना
ये देश है दुनिया का गहना
ओ… ओ… ओ…
यहाँ चौड़ी छाती वीरों की
यहाँ भोली शक्लें हीरों की
यहाँ गाते हैं राँझे
होय
यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में
मचती हैं धूमें बस्ती में
ओ… ओ… ओ…
पेड़ों पे बहारें झूलों की
राहों में कतारें फूलों की
यहाँ हँसता है सावन
होय
यहाँ हँसता है सावन बालों में
खिलती हैं कलियाँ गालों में
ओ… ओ… ओ…
कहीं दंगल शोख जवानों के
कहीं करतब तीर कमानों के
यहाँ नित नित मेले
होय
यहाँ नित नित मेले सजते हैं
नित ढोल और ताशे बजते हैं
ओ… ओ… ओ…
दिलबर के लिये दिलदार हैं हम
दुश्मन के लिये तलवार हैं हम
मैदां में अगर हम
मैदां में अगर हम डट जाएं
मुश्किल है के पीछे हट जाएं
हुर्र, हे, हा
हुर्र, हे, हा
हुर्र, हे, हा
हड़िपा, हड़िपा, हड़िपा
3- दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए -
मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू
तेरा सब कुछ मैं, मेरा सब कुछ तू
हर करम अपना करेंगे
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
तू मेरा कर्मा, तू मेरा धर्मा, तू मेरा अभिमान है
ऐ वतन मेहबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है
ऐ वतन मेहबूब मेरे तुझपे दिल कुर्बान है
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, हमवतन हमनाम है
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, हमवतन हमनाम है
जो करे इनको जुदा मजहब नहीं इल्ज़ाम है
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
तेरी गलियों में चलाकर नफरतों की गोलियां
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ
लूटते हैं कुछ लुटेरे दुल्हनों की डोलियाँ
लूट रहे है आप वो अपने घरों को लूटकर
लूट रहे है आप वो अपने घरों को लूटकर
खेलते हैं बेख़बर अपने लहू से होलियां
हम जिएंगे और मरेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
हर करम अपना करेंगे, ऐ वतन तेरे लिए
दिल दिया है, जां भी देंगे, ऐ वतन तेरे लिए
ऐ वतन तेरे लिए
ऐ वतन तेरे लिए
4- कर चले हम फ़िदा जान-ओ-तन साथियों -
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को ना रुकने दिया
कट गये सर हमारे तो कुछ ग़म नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
ज़िन्दा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज़ आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुसवा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुल्हन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
राह कुर्बानियों की ना वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये काफ़िले
फ़तह का जश्न इस जश्न के बाद है
ज़िन्दगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफ़न साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
खेंच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाये ना रावण कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छूने पाये ना सीता का दामन कोई
राम भी तुम तुम्हीं लक्ष्मण साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
कर चले हम फ़िदा, जान-ओ-तन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों
5- ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी -
ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सबका, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गंवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो, कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आये, जो लौट के घर न आये
ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
जब घायल हुआ हिमालय, ख़तरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लडे वो
जब तक थी साँस लडे वो, फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मद्रासी, कोई गुरखा कोई मद्रासी
सरहद पर मरने वाला, सरहद पर मरने वाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिन्दुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
थी खून से लथपथ काया, फिर भी बंदूक उठाके
दस दस को एक ने मारा, फिर गिर गये होश गँवा के
जब अंत समय आया तो,
जब अंत समय आया तो कह गये के अब मरते हैं
जब अंत समय आया तो कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं, अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
तुम भूल ना जाओ उनको इसलिए कही ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी
जय हिंद, जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद की सेना
जय हिंद जय हिंद जय हिंद
6- है प्रीत जहाँ की रीत सदा -
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने
भारत ने
मेरे भारत ने
दुनिया को तब गिनती आयी
तारों की भाषा भारत ने
दुनिया को पहले सिखलायी
देता ना दशमलव भारत तो
यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था
धरती और चाँद की दूरी का
अंदाज़ा लगाना मुश्किल था
सभ्यता जहाँ पहले आयी
सभ्यता जहाँ पहले आयी
पहले जनमी है जहाँ पे कला
अपना भारत वो भारत है
जिसके पीछे संसार चला
संसार चला और आगे बढ़ा
यूँ आगे बढ़ा
बढ़ता ही गया
भगवान करे ये और बढ़े
बढ़ता ही रहे और फूले-फले
बढ़ता ही रहे और फूले-फले
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
मैं गीत वहाँ के गाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
काले – गोरे का भेद नहीं
हर दिल से हमारा नाता है
कुछ और न आता हो हमको
हमें प्यार निभाना आता है
जिसे मान चुकी सारी दुनिया
ओ
जिसे मान चुकी सारी दुनिया
मैं बात
मैं बात वो ही दोहराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
जीते हो किसी ने देश तो क्या
हमने तो दिलों को जीता है
जहाँ राम अभी तक है नर में
नारी में अभी तक सीता है
इतने पावन हैं लोग जहाँ
ओ
इतने पावन हैं लोग जहाँ
मैं नित-नित
मैं नित-नित शीश झुकाता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
इतनी ममता नदियों को भी
जहाँ माता कह के बुलाते हैं
इतना आदर इन्सान तो क्या
पत्थर भी पूजे जाते हैं
उस धरती पे मैंने जनम लिया
ओ
उस धरती पे मैंने जनम लिया
ये सोच
ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ
भारत की बात सुनाता हूँ
है प्रीत जहाँ की रीत सदा
7- ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन -
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
तेरे दामन से जो आए उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आए तेरा नाम
सबसे प्यारी सुबह तेरी, सबसे रंगीं तेरी शाम
तुझपे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
माँ का दिल बन के कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन के याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू
तुझपे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
छोड़ कर तेरी ज़मीं को दूर आ पहुंचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे ज़र्रों की क़सम
हम जहाँ पैदा हुए उस जगह ही निकले दम
तुझपे दिल क़ुरबान
तू ही मेरी आरज़ू, तू ही मेरी आबरू
तू ही मेरी जान
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन
तुझपे दिल क़ुरबान
8- संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं -
हो हो हो..
संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है ये हमसे पूछा है
किसी की साँसों ने किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने मचलती शामों ने
अकेली रातों ने अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे, के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये दिल सूना सूना है
संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
मोहब्बत वालों ने, हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है,
कि हमसे पूछा है
हमारे गाँवों ने, आम की छांवों ने
पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने
खेत खलियानों ने, हरे मैदानों ने
बसंती बेलों ने, झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने, दहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने,
और पूछा है गाँव की गलियों ने
के घर कब आओगे, के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन गाँव सूना सूना है
संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
ओ ओ ओ…
कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के, खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का, वो टीका काजल का
वो लोरी रातों में, वो नरमी हाथों में
वो चाहत आँखों में, वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से, मोहब्बत अंदर से,
करे वो देवी माँ
यही हर खत में पूछे मेरी माँ
के घर कब आओगे, के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन आँगन सूना सूना है
संदेशे आते हैं हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है
ऐ गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गाँव जा, मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गाँव में है जो वो गली
जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहीं थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ
मेरी माँ के पैरों को छू के तू
उसे उसके बेटे का नाम दे
ऐ गुजरने वाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों, मेरी दिलरुबा
मेरी माँ को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे
मैं वापस आऊंगा, मैं वापस आऊंगा
घर अपने गाँव में उसी की छांव में,
कि माँ के आँचल से गाँव के पीपल से,
किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा मैं एक दिन आऊंगा
9- मेरा रंग दे बसंती चोला -
मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला
दम निकले इस देश की खातिर, बस इतना अरमान है
दम निकले इस देश की खातिर, बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना, सौ जन्मों के समान है
देख के वीरों की क़ुरबानी
देख के वीरों की क़ुरबानी, अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला
जिस चोले को पहन शिवाजी, खेले अपनी जान पे
जिस चोले को पहन शिवाजी, खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी, मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला, पहन के निकला
आज उसी को पहन के निकला, हम मस्तों का टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
मेरा रंग दे बसंती चोला ओये
रंग दे बसंती चोला
माये रंग दे बसंती चोला
10- मेरे देश की धरती -
मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
बैलों के गले में जब घुँघरू जीवन का राग सुनाते हैं
ग़म कोस दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुस्काते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें यूँ लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अँगड़ाइयाँ लेती है
क्यों ना पूजें इस माटी को जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जन्म लिया उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नही हैं सब पे है माँ उपकार तेरा
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
ये बाग़ हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरिसिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से
रंग बना बसंती भगतसिंह से रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती
मेरे देश की धरती
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें, साथी है बस इतना ही कहना
अब तो हमें आगे बढ़ते है रहना
अब तो हमें, साथी है बस इतना ही कहना
अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
निकले हैं मैदां में हम जाँ हथेली पर लेकर
अब देखो दम लेंगे हम जाके अपनी मंज़िल पर
खतरों से हँस के खेलना, इतनी तो हममें हिम्मत है
मोड़े कलाई मौत की, इतनी तो हममें ताक़त है
हम सरहदों के वास्ते लोहे की इक दीवार हैं
हम दुश्मनों के वास्ते होशियार हैं, तैयार हैं
अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो
जोश दिल में जगाते चलो, जीत के गीत गाते चलो
जीत की जो तस्वीर बनाने हम निकले हैं
अपनी लहू से हमको उसमें रंग भरना है
साथी मैंने अपने दिल में अब ये ठान लिया है
या तो अब करना है, या तो अब मरना है
चाहे अंगारें बरसे के बिजली गिरे
तू अकेला नहीं होगा यारा मेरे
कोई मुश्किल हो या हो कोई मोर्चा
साथ हर मोड़ पर होंगे साथी तेरे
अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
इक चेहरा अक्सर मुझे याद आता है
इस दिल को चुपके-चुपके वो तड़पाता है
जब घर से कोई भी ख़त आया है
कागज़ को मैंने भीगा-भीगा पाया है
हो ओ पलकों पे यादों के कुछ दीप जैसे जलते हैं
कुछ सपने ऐसे हैं, जो साथ-साथ चलते हैं
कोई सपना ना टूटे, कोई वादा ना टूटे
तुम चाहो जिसे दिल से, वो तुमसे ना रूठे
अब जो भी हो, शोला बनके पत्थर है पिघलाना
अब जो भी हो, बादल बनके परबत पर है छाना
कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं
चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है… ये वादियाँ
है ये ज़मीं [गूंजी गूंजी], ये आसमां [गूंजा गूंजा]
है ये हवा [गूंजी गूंजी], है ये समां [गूंजा गूंजा]
हर रस्ते ने, हर वादी ने, हर परबत ने, सदा दी
हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हम जीतेंगे, हर बाज़ी
(कन्धों से मिलते हैं कन्धे, कदमों से कदम मिलते हैं
हम चलते हैं जब ऐसे तो, दिल दुश्मन के हिलते हैं)-4
चलता है जो ये कारवाँ, गूंजी सी है, ये वादियाँ
11- तेरी मिट्टी में मिल जावां -
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जाके कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी जमीं अफसोस नहीं
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
महफूज रहे तेरी आन सदा
चाहे जान ये मेरी रहे न रहे
हाँ मेरी जमीं महबूब मेरी
मेरी नस नस में तेरा इश्क बहे
फीका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्म से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जावां
गुल बनके मैं खिल जावां
इतनी सी है दिल की आरजू
तेरी नदियों में बह जावां
तेरे खेतों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरजू
ओ.. ओ.. ओ ओ ओ..
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भांगड़ा पा न सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा न सका
ओ वतना वे मेरे वतना वे
तेरा मेरा प्यार निराला था
कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जावां
गुल बनके मैं खिल जावां
इतनी सी है दिल की आरजू
तेरी नदियों में बह जावां
तेरे खेतों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरजू
ओ हीर मेरी तू हंसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरे क्या फिकर तुझे
क्यूँ आँख से दरिया बहता है
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल जावां
गुल बनके मैं खिल जावां
इतनी सी है दिल की आरजू
तेरी नदियों में बह जावां
तेरे फसलों में लहरावां
इतनी सी है दिल की आरजू
आप को सारे गीत कैसे लगे कमेंट में जरूर बताए आप के विचार हमे मेल या कॉमेंट कर सकते है ।
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