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Bollywood and South Indian Film। बॉलीवुड vs साउथ फिल्म Bollywood vs south Indian movie

आज के इस पोस्ट में हम आपको  Bollywood and South Indian Film। बॉलीवुड vs साउथ फिल्म  Bollywood vs south Indian movie के बारे में शॉर्ट में बता रहे है।



Bollywood and South Indian Film। बॉलीवुड vs साउथ फिल्म  Bollywood vs south Indian movie 


           

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फिल्म समाज का आइना होती है हम ये सुनते आए है पर हमारे यह फिल्मे पता नही आइना की वो वो खुद हमको आइना देखने को मजबूर करती है की हम क्या देख रहे है और क्यों क्या परोसा जा रहा है क्या कुछ लोगो की मानसिकता को हम सारे लोगो की मानसिकता कह सकते है , ये लोग कमाते यहां है और चीजे भी यही की बुरी बताते है।


यही कारण है की हिंदी फिल्मों को ट्रोल या बाय काट किया जा रहा और सही भी है जब लोगो के पास इतने सारे कंटेंट उपलब्ध है तो आप कुछ भी नही परोस सकते हमारे इंडस्ट्री में तो ओरिजनल का जैसे अभाव हो गया है लोग बायोपिक के साथ भी इंसाफ करते नही दिखते जिसके सहारे वो कैरियर चमकाना चाहते है।


और साउथ इंडस्ट्री दिन पे दिन बेहतरीन काम कर रही है उनकी कहानियां जबरदस्त होती जा रही है और बॉलीवुड उसको कॉपी करता जा रहा है।


आप सभी देख रहे है कैसे बॉलीवुड फिल्में एक के बाद एक फ्लॉप हो रही है और साउथ इंडस्ट्री की फिल्म बैक टू बैक सारे रिकॉर्ड तोड रही है यहां के हीरो हिट के लिए तरश रहे है और वहा की हिंदी में डब फिल्मे कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड रही है और दूसरी तरफ हिंदी फिल्मों को दर्शक देख ही नहीं रहे अलबत्ता बाय काट कर रहे है।


एक कारण ये भी है की हिंदी फिल्मों के नायक अपनी फिल्मों में नायक की तरह लगते ही नहीं या फिर होम वर्क नहीं करते वो केवल स्टारडम के वजह से फिल्में चल जायेगी बिना सिर पैर की स्टोरी या फिर स्टोरी के साथ न्याय न करता हुआ किरदार सब जब थिएटर में जाते है। तो सिर पकड़ लेते है।


एक और कारण है नेपोटीजम भाई भतीजा वाद जो इंडस्ट्री को बेकार कर रहा है इस पर भी खूब बहस होती रहती है लेकिन अंदर के लोग इससे मानते नही है । आम लोगो को वो इसमें आने नही देते या फिर काम से निकलवाते रहते है।


वही साउथ के हीरो किरदार के लिया जान फूंक देते है उनकी डायलॉग टाइमिंग बहुत ही कमाल की होती है।


और वो सभ्यता और संस्कृति का मजाक नहीं बनाते है वो अपने किरदार के साथ न्याय करते है वो पूरी जान डाल देते जैसे आलू अर्जुन ने पुष्पा मूवी में देख सकते है ।


और हमारे यहां तो तो बस स्टारडम के भरोसे या फिर इस समय साउथ की रीमेक या हॉलीवुड की किसी सुपरहिट फिल्म का हिंदी रीमेक करके ही खुश है चली तो भी ठीक नहीं चली तो भी ठीक है।


यहां तो म्यूजिक भी चोरी का आरोप भी लगता रहता है लोग किसी न किसी का ओरिजनल कंटेंट थोड़ा इधर उधर करके अपना बना के डाल देते है और हो गया इतिश्री ।


हम बस देखते है एक और जहा साउथ इंडस्ट्री हमारी सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देने का काम करती है बॉलीवुड अभिनेता अभिनेत्री उसके साथ क्रुर मजाक करते है।


यहां पे लॉबी बनी हुई है हीरो ही तय करता है कौन सहकलाकार हो और हिरोइन होगी नए टैलेंट को ये बड़ने ही नहीं देते है वो बड़े कलाकार है तो वो ही तय करेंगे की कौन क्या करेगा। 


खैर कारण तो कई है फिर भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को चमत्कार की आस है देखते है क्या होता है।

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