इंडिया में करप्शन
हमारे देश में करप्शन एक व्यापक समस्या है हर दिन कोई न कोई घोटाला बाहर आता रहता है और भी काम रुपयों का नही हजार करोड़ लाख करोड़ अगर हम सारे घोटाले का जिक्र करे तो पूरा पेज भी काम पड़ जायेगा हमारे यह चपरासी के पास से इतना रुपया निकलता है की की नोट गिनने के लिए मशीन लगानी पड़ती है और मशीन एक दो नही तीन या चार लगता है तब जाके नोट गिन पाते है अधिकारी समस्या ये की अधिकारी चपरासी सांसद विधायक जो भी आता है अपने हिस्से का हिंदुस्तान लूटने में लग जाता है और अपनी सात पीढ़ियों को पैसा भरने में लग जाता है और भरता राहत है।
इसमें हमारे यहां का सिस्टम ही जिमेदार है क्यों की लोग नौकरी ही रिशवत देकर पाते है उस रिश्वत को कोई खेत बेच कर या कर्ज लेकर या फिर कही से इकदा करता है तो उस पैसे की वापसी भी चाहता है तो जल्द से जल्द वापस पाने के चक्कर में वो रिशवत ही लेता है।
कितने लोग पकड़े जाते है लेकिन ये जारी है लोग लेते जारहे है और रिशवात खोरी लगातार जारी है और लोग लगातार कर रहे है कोई न कोई सरकारी कर्मचारी कोई न कोई अधिकारी कोई न कोई नेता कोई मंत्री हर विभाग का रिश्वत लेतेही रहता है
कोई विभाग हर विभाग स्कूल खनन परिवहन आबकारी बिजली बीएसएनएल खाघ विभाग रक्षा विभाग कोयला जनसंपर्क उर्वरक जहा तक नाम गिनाए गे हर विभाग सब जगह घूसखोरी रिश्वत खोरी अभी भी ताजा मामला शराब में लाइसेंस फीस में कमी करने में कमीशन लेने का है आरोप है और लेने वाले सिरे से नकार रहे है ।
कॉमन वेल्थ, टू जी,कोयला, स्पेक्ट्रम, बोफोर्स, सत्यम और भी कितने की पेज भर जाए यहां तो साइकिल मगाने भी घोटाला हुआ है।
एक तो हमारे यहा एक दो नही हजारों पार्टियां है जो चुनाव में भाग लेती है या चुनाव लड़ती है तो जाहिर सी बात है हमारे यहां रेवड़ी बाटने का भी रिवाज है वोटरों को चुनाव से पहले और बाद में दोनों टाइम और पार्टी पहले वाली फंडिंग किसी न किसी व्यापारी से या उद्योग घराने से लेती है फिर यदि सरकार आई तो सरकार बनने पर पार्टी भी उसको ठेका दे कर अपना भी फर्ज निभाती है और वो लोग उसको सूद समेत वसूल भी करते है और ये लेन देन का खेल चलता रहता है और नतीजन हमे मानक अनुसार समान नहीं मिलता ।
जिमेदारी तो हम नागरिकों की भी है लेकिन विदेशी लोगो की तरह हम अपना काम समय पर न करके फिर जल्दी हो जाए लाइन न लगाना पड़े ये सोच कर के फटा फट घुस दे देते है और फिर रोना रोते है घुस खोरी बहुत है तो बढ़ाया भी तो हमने ही है ।
विजय माल्या ,मेहुल चौकसी , ललित मोदी, बहुत से नाम है जो यहां के टैक्स पेयर का पैसा लेकर विदेश भाग गए है और अभी तक रिकवरी भी पूरी नहीं हो पाई ।
और कोई किसान लोन ले ले तो उसको जमीन बैंक तुरंत नीलाम कर देता है क्यों की वो किसान बैंक के अफसरों को रिश्वत देकर अपना लोन माफ नही करवा पाता है पूजीपतियो को लोन मिलता है क्यों की वो पूजी देकर ले लेते है रिश्वत खिला पाते है उनको हजार क्या लाख करोड़ मिल जाता है ।
सब जगह जहा आप जायेगे कोई कर्मचारी टाइम पर आते नही लेकिन टाइम पर जाते जरूर है लेकिन अब ये चीजे कुछ हद तक बदल गई है स्मार्ट फोन के आने से और सेल्फी पोस्ट करने के वजह से थोड़ा सुधार हुआ है लेकिन अभी बहुत सुधार होना है ।
देखिए कब तक सुधार होता है लोग कब जागते है हमरे यहां तो सात पीढ़ियों का इंतजाम करने की प्रथा है तो लोग उसका अनुसरण करते है देखिए कब खत्म होता है ये सब ।
ताजा आरोप आम आदमी पार्टी के मंत्री भ्रष्टाचार का आरोप मनीष सिसोदिया पे लगा है और पार्टी इसे फिल्मों की तरह ये अपोजिशन की चाल बता रही है देखना है ऊंट किस करवट बैठेगा।
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