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Deepawali 2022 : दीपावली कब है: Deepawali 2022 Date Diwali gift

Deepawali 2022

दिपावली 2022

जैसा की हम जानते है हमारा देश पर्व और त्योहारों का देश है यहां हर रोज ही कोई न कोई त्योहार हैं होता है इसी त्यौहारों की कड़ी में आज हम बात करेंगे Deepwali 2022 दीपावली के त्योहार की यह पुरे भारत में मनाया जाता है यह पर्व बुराई पे अच्छाई के जीत का प्रतीक है यह रोशनी का त्योहार है  यह पुरे पांच दिन चलने वाला त्योंहार जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ हो जाती है,लोग दिए से पूरे घर को सजाते है रंग बिरंगी रोशनियों से पूरा देश ही जगमगा उठता है ये त्योहार मिठाई , दिए रंग बिरंगी लड़ियों का है ।आइए जानते है कब है दिवाली Deepawali date , क्या है इसका इतिहास कब है शुभ मुहूर्त, कब क्या और कैसे मनाएंं क्या खाएंं पकाए आइए जानतेे हैै कैसे मनाएं रोशनी का ये पावन पर्व ।

Deepawali 2022Date 

कब मनाई जाती है दीपावली

दीपवाली हिंदुओ का प्रमुख त्योहार है यह भारत देश के हर कोने  में मनाया जाता है दीपावली का हिंदुओ के अतिरिक्त जैन धर्म,सिख धर्म,और बौद्ध धर्म का भी प्रमुख त्योहार है

रोशनी का यह पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है यह पर्व प्राचीन काल से ही हमारे देश में मान्य जाता है इस बार इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 24 और 25 अक्टूबर दोनों दिन पड़ रही है। लेकिन दीपावली 24 तारिक को पूरे देश में मनाई जाएगी यह त्यौहार शरद ऋतु में मान्य जाता है इसी वक्त किसानों की फसल भी काट के आ चुकी होती है अत इसका महत्व और बढ़ जाता है


Deepawali 2022 Panchang, Lakshmi Ganesh Puja

दीपावली 2022 पंचांग लक्ष्मी गणेश पूजा

दिपावली का त्यौहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि मनाया जाता है । यह त्योहार  बुराई पे  पर अच्छाई की जीत का पर्व  दीपावली  पर लोग अपने कार्यालय,  घर, दुकान, ऑफिस में माता लक्ष्मी-गणेश,  मां काली, मां सरस्वती , कुबेर भगवान ,  की पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करना  बहुत जरूरी है.

 Deepawali 2022 Muhurat

 शुभ मुहूर्त दीपावली

अमावस्या तिथि आरंभ – 24 अक्टूबर 2022, शाम 05.27

अमावस्या तिथि समाप्त – 25 अक्टूबर 2022, शाम 04.18

 24 अक्टूबर 2022 रात में प्रदोष काल मुहूर्त  में  लक्ष्मी पूजा का   - 07.00  रात – 08.21 रात तक 

24 अक्टूबर 2022 में निशिता काल मुहूर्त  मध्यरात्रि में लक्ष्मी पूजा का  –11.45 PM – 25 अक्टूबर 2022, 12.36 भोर तक

पूजा सामग्री दीपावली पूजा 2022 का

पूजा की चौकी, लाल कपड़ा, गंगाजल, रोली, कुमकुम, चंदन, अष्टगंध, अक्षत चावल , लक्ष्मी-गणेश की मूर्ती ,पान, सुपारी, पंचामृत, हल्दी, रूई की बत्ती, लाल धागे की बत्ती ,नारियल, फल, फूल, कमल गट्‌टा की माला , कलश, आम के पत्ते, मौली, जनेऊ, दूर्वा, कपूर, अगरबत्ती, धूप, दो बड़े दीपक, गेंहूं, खील, बताशे, स्याही, दवात, लड्डू, या मिठाई ,केला का पत्ता या पेड़, देशी घी , सरसो का तेल, रजिस्टर,लेखा बही दुकान या कार्यालय के लिए , झोलिया ,चांदी का सिक्का, आम की लकड़ी,हवन सामग्री, छोटे दीपक , माला, कमल का फूल मिले तो लक्ष्मी जी के लिए

दीपावली पूजा विधि

Deepawali Puja Vidhi


दीपावली की रात माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और सबके घर- जाती है ।  दीपावली के दिन अपने कार्यालय , घर , ऑफिस और दुकान में अच्छी तरह सफाई करें, फूलों, लाइटों, रंगोली,  से सजाए जब लक्ष्मी माता धरती पर आती है तो जहा साफ सफाई होता है माता लक्ष्मी  वही रुक जाती है ,कार्यालय , घर , ऑफिस और दुकान  में एक साफ सुधरी जगह पर या पूजा के स्थान पर मंदिर के आगे  गंगाजल या गौमूत्र छिड़कें. पूजा की चौकी रखे  पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और मां सरस्वती की मूर्ति की पूर्व दिशा या पश्चिम दिशा की ओर मुख करते हुए स्थापित  जल से भरा कलश चावल की ढेरी पर रखें, इसपर आम के पत्ते डालकर ऊपर से लाल वस्त्र में लपेटा नारियल रख दें  , माता लक्ष्मी जी के बाईं ओर घी का दीपक और दाए ओर तेल का दीपक लगाएं। कुबेर भगवान के पूजन के लिए माता लक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने चांदी या कांसे की थाली पर रोली या कुमकुमू से स्वातिक बनाकर अक्षत और पुष्प फूल अर्पित करे । सबसे पहले गणेश जी का पूजन करे उसके पश्चात नव ग्रहों का पूजन करे फिर माता लक्ष्मी का पूजन करे और फिर सारे देवताओं को याद कर पूजन करे   और दीप जलाए अष्टगंध, पुष्प, खील, बताशे, मिठाई, फल, रोली, मौली, हल्दी, सिंदूर, मेहंदी, अक्षत, पान, सुपारी, अबीर, गुलाल, कमल का फूल, कलावा, पंचामृत, फल, मिठाई, खील बताशे, इत्र, पंचरत्न, खीर, पीली कौड़ी, गन्ना, नारियल अर्पित करें. इसके बाद बहीखातों की पूजा की जाती है. नए खाता बुक  में रोरी या कुमकुम से स्वास्तिक और शुभ-लाभ बनाकर अक्षत और पुष्प अर्पित करें. धन की देवी से व्यवसाय में तरक्की और समृद्धि का आशीर्वाद मांगे

Deepawali history दीपावली का इतिहास

दीपवली  की एक पौराणिक कथा  रामायण से भी जुड़ी है,  भगवान  श्री राम चन्द्र जी ने लंका के राजा रावण का वध करके   माता सीता को रावण की कैद से छुटवाया था, और रावण का वध करने के बाद लंका से  14 वर्ष का वनवास  काट    जब  वापस आए तो अयोध्या   लोटे थे। जिसके उपलक्ष्य में अयोध्या वासियों ने कार्तिक मास की अमावस्या के दिन  दीप जलाए थे । अयोध्यया के लोगो  का हृदय अपने  राजा राम  के आगमन से  खुश था, भगवान  श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं। भारतीयों का विश्वास है कि सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है । दीपावली  अ सत्य पी सत्य की जीत का , साफ सफाई और प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही इस त्योहार  की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने निवास स्थान घर , ऑफिस , दुकानों   की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं।  सारे लोग अपने घर  में मरम्मत, रंग-रोगन, सफेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग अपने प्रतिष्ठानों  को भी  साफ सफाई कर सजाते हैं। बाजारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों और लाइटों से सजायबजाता है 


Deepawali Importance दीपवाली महत्व

आध्यात्मिक महत्त्व

 

दीपावली का आध्यात्मिक रूप  से महत्त्व इसलिए हैं क्योंकि इसी दिन प्रभु राम 14 वर्ष के वनवास के बाद वापस अयोध्या आए थे ,  हिंदू धर्म में दूसरा आध्यातिमक महत्त्व देवी लक्ष्मी के रूप में है लोग इस दिन देवी लक्ष्मी द्वारा समुद्र मंथन से निकलने के दिवाली की रात में ही विष्णु जी को अपने पति के रूप में स्वीकार किया था और उनके चरणों में रहने को राजी हुई थी। इसकाजैन धर्म में भी विशेष महत्त्व है ईसी दिन जयंत तीर्थंकर दिन महावीर स्वामी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी इसलिए जैन धर्म में भी इसका विशेष महत्त्व है ,  सिख धर्म में भी विशेष महत्त्व है क्योंकि अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की नींव 1577 में  अमावस्या के दिन ही रखी गई थी थे

Deepawali 2022 Importance  as a festival पर्व के रूप में दिपावली का  महत्व

 

दीपावली पर्व त्योंहार को भारत वर्ष में  विशेष रूप से हिंदू, जैन और सिख समुदाय के लोग एक साथ मनाते है इसके अलावा ये दुनिया भर में साथ साथ विशेष रूप सेमनाया जाता है। ये, पाकिस्तान, मॉरीशस, केन्या, श्रीलंका, , म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो, ब्रिटेन शामिल संयुक्त अरब अमीरात, और संयुक्त राज्य अमेरिका , नीदरलैंड, कनाडा आदि देशों में भारतवासियों और वहा के स्थानीय लोगो द्वारा मान्य जाता है । भारतीय संस्कृति की समझ और भारतीय मूल के लोगों के वैश्विक प्रवास के कारण दीपावली मनाने वाले देशों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है।  का हिस्सा बनता जा रहा है। से और छुट्टी के रूप में भी बहुत महत्त्व बढ़ जाता है क्योंकि  5 दिन के पर्व के उपलक्ष्य में छुट्टियां भी होती है लोग  घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों, अपने आस पास साफ सफाई करते है अपने घर को सजाता है जिनमें फूलों और रंग बिरंगे झालरों रोशनियों रंग बिरंगी रंगोलियां आदि बनाते हैं और दिवाली का इस त्योहार का स्वागत करते हैं लोग अपने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलते हैं बुलाते है ,ऐसा भी कह सकते हैं यह उपहार और दावतों का पर्व हैं  हैं यह सबसे बड़ा त्योहारी खरीदारी का भी सीज़न होता है लोग अपने घरों में धनतेरस में कोई न कोई नई वस्तु खरीदते हैं और उसके उसका पूजन करते हैं दिवाली की शाम को अपने घरों ऑफिसों दुकानों और प्रतिष्ठानों मैं लक्ष्मी गणेश का पूजन करते हैं उसके दूसरे दिन अवकाश होता है ।

बुराई पे अच्छाई की जीत का ये पर्व पूरे देश और विश्व में प्रेम को बढ़ता है लोग इस त्योहार को लोग बहुत धूम धाम से मनाते है और इस त्योहार का लोग खूब इंतजार करते है और खूब श्रद्धा भाव से पूजा करके मानते है


कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर

Q1- दीपावली कब मनाया जाता है ?

Ans- दीपावली हर साल कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है ।

Q2-  दीपावली कब है 2022 में ?


Ans- दीपावली 2022 में  अक्टूबर 24 और 25  तारिख को है  ।

Q3- दीपावली पे किसकी पूजा होती है ?

Ans- दीपावली पे लक्ष्मी जी , गणेश जी , कुबेर भगवान , माता सरस्वती, माता काली की विधि विधान से पूजा होती हैं । 

Q4- अमेरिका में दीपावली कब है ? 

Ans- अमेरिका में दीपावली 24 अक्टूबर दिन सोमवार को है ।

Q5- दिवाली की छुट्टी कब से कब है  ?

Ans- दिवाली की छुट्टी 20 से लेकर 29 तारिक तक है ।

आप यह भी देख सकते है धनतेरस 
आप दिवाली के बारे में ज्यादा यहां जान सकतें है Deepawali

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