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LCH Helicopter Prachand : एलसीएच हेलीकॉप्टर प्रचंड आइए जानते है प्रचंड की खासियत और इसे बनाने की वजह

एलसीएच हेलीकॉप्टर प्रचंड 


कारगिल युद्ध 1999 के बाद से ही भारतीय सेनाएं एक ऐसा हेलिक्टर चाहती थी जो दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी उड़ान भरने में सक्षम हो और उनकी ताकत को इन इलाकों में बड़ाए क्यों की पाकिस्तान समर्पित आतंकवादी कारगिल की पहाड़ियों पर काफी ऊपर छिपे हुए थे और वहा वायुसेना और थल सेना को उन्हे हटाने में काफी दिक्कत हुई थी इन्ही सब को देखते हुए ही इजाद किया गया है देश का पहला घातक एलसीएच हेलीकॉप्टर प्रचंड  जो अपनी खूबियों में विषेश है 


एलसीएच हेलीकॉप्टर प्रचंड 

आज भारत के वायु सेना को और ताकत मिल गईं आज जोधपुर स्थित वायुसेना स्टेशन पर होने वाले कार्यक्रम में  3:10:2022 सोमवार को  रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की मौजूदगी में एलसीएच को  भारतीय वायु सेना में  मेक इन इंडिया अभियान के तहत देश में  निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (LCH) की पहली खेप को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। करगिल से लेकर लद्दाख तक की ऊंची-ऊंची चोटियों पर युद्ध के दौरान   वायुसेना की ताकत में भारी इजाफा करने में सक्षम इस देसी हेलीकॉप्टर का नाम प्रचंड रखा गया है। प्रचंड को सरकारी कंपनी  हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में विकसित किया गया है। 

वायु सेना के पास अभी  अमेरिका निर्मित  अपाचे हेलीकॉप्टर है लेकिन ये ऊंचाई पर सक्षम नहीं है  लेकिन प्रचंड हेलीकॉप्टर  अपनी भूमिका में विशेष है। इसे ऊंचाई पर युद्ध अभियानों के लिहाज से ही बनाया   गया है। इसकी डिजाइन, इंटिग्रेशन पूरी तरह भारतीय है और देश की जरूरतों के हिसाब के अनुसार तैयार किया गया है इसके शामिल होने से दुर्गम पहाड़ी इलाकों में सेना की पकड़ और मजबूत होगी तो आइए जानते है एलसीएच प्रचंड की खूबियां जो इसे खास बनाती है 

आइए जानते है भारत निर्मित एलसीएच प्रचंड हेलीकॉप्टर  की  खूबियां  

जैसा की नाम में ही है लाइट कॉम्बैट तो अपने नाम के अनुरूप ये भी आम हेलीकॉप्टरों के मुकाबले वजन में काम  होता है, जो इसे ज्यादा ऊंचाई और उच्च दाब वाले क्षेत्रों में ज्यादा उपयोगी  बनाता है।   हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटे के मुताबिक, प्रचंड हेलीकॉप्टर का वजन 5.8 टन के करीब है जो बहुत ही कम है और इसके दुर्गम पहाड़ी इलाकों में उड़ने की छमता को बढ़ता है । इसकी रफ्तार 268 KM प्रतिघंटा तक है। इसके अलावा यह हेलीकॉप्टर एक बार 3 घंटे से ज्यादा की उड़ान और  550 KM तक की दूरी बिना फ्यूल को दुबारा भरे  पूरा कर सकता है। 


प्रचंड को जो चीज सबसे खास बनाती है, वह है इसके उच्च दाब वाले क्षेत्र में उड़ने की क्षमता। दरअसल, ज्यादा ऊंचाई वाले दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में कोई भी विमान काफी देर तक उड़ान नहीं भर सकता। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल , तापमान और घनत्व के चलते भारी एयरक्राफ्ट्स लंबे समय तक ज्यादा ऊंचाई में नहीं उड़ते रह सकते है । लेकिन अपने हल्के वजन की वजह से प्रचंड बड़ी ऊंचाईयों में भी उड़ान भरने में सक्षम है। , प्रचंड सबसे ऊंचाई वाले उच्च दाब के क्षेत्र में भी लंबे समय तक रह सकता है और दुश्मन देश के छक्का छुड़ा सकता है ।

 

प्रचंड हेलीकॉप्टर  को बनाने में जिन  उपकरणों और सामग्रियों का प्रयोग हुआ है, उनमें से 45 फीसदी देश में ही बने है । इंडियन एयर फोर्स का दावा है कि यह दुनिया का इकलौता अटैक हेलीकॉप्टर है, जो कि 5,000 मीटर (16 हजार 400 फीट) तक की ऊंचाई पर आसानी से लैंड और टेक-ऑफ कर सकता है। वह भी पूरे  हथियारों के अच्छे-खासे वजन के साथ और यही इसको सबसे खास बनाती है 


प्रचंड हेलीकॉप्टर दो इंजन का  हेलीकॉप्टर है। हेलीकॉप्टर में  हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटे  द्वारा अत्याधुनिक  मॉडिफाइड शक्ति टर्बोशाफ्ट इंजन्स का इस्तेमाल किया गया है, जो मूलतः फ्रांस की तकनीक पर आधारित हैं और इसका इंजन एक बार में 871 किलोवॉट तक की पावर जेनरेट कर सकते हैं। प्रचंड हेलीकॉप्टर का इंजन बिना मेंटेनेंस के 3,000 घंटों तक काम कर सकता हैं। इन इंजन्स को यूरोप की उड्डयन सुरक्षा एजेंसी की तरफ से 2007 में ही क्लियरेंस मिल गया था। प्रचंड हेलीकॉप्टर में फुल्ली डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिस्टम है, जिससे सेना के  पायलटो को इस प्रचंड हेलिकॉप्टर को उड़ाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है


एलसीएच प्रचंड एक  अटैक हेलीकॉप्टर है।  लेकिन  जरूरतों के हिसाब से  प्रचंड हेलीकॉप्टर को और  कई और अभियानों में भी लगाया जा सकता है। खासकर धीमी चाल वाले हवाई टारगेट की ट्रैकिंग के लिए, घुसपैठ को रोकने के लिए। इसके अलावा इन हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल दुश्मन देशों की रक्षा प्रणालियों को फेल करने, सर्च ऑपरेशन, राहत और बचाव कार्य के अलावा युद्ध में टैंकों और अन्य हथियारों को तबाह करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। 


इस अटैक हेलीकॉप्टर में शीशे का कॉकपिट है। इसमें एक साथ दो क्रू सदस्य सवार हो सकते हैं, जिनके पास हेलीकॉप्टर का कंट्रोल होता है। इसके डिजिटल कंट्रोल पैनल में लक्ष्य को निशाना बनाने के साथ हथियारों के इस्तेमाल से जुड़े फीचर्स दिए गए हैं। इसके अलावा प्रचंड में एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर पहले से ही लगा है, जो युद्धक्षेत्र की पूरी जानकारी पहुंचाता है। 


 एलसीएच  प्रचंड की सबसे खास बात है इसमें लगे सेंसर्स। इनमें एक साधारण कैमरा और इन्फ्रा रेड कैमरा लगा है। ये कैमरे खराब मौसम में भी दुश्मनों की लोकेशन और स्थिति का सटीक पता लगाने में सक्षम हैं। इसके अलावा जमीन और हवाई लक्ष्यों पर गोलीबारी, लेजर-गाइडेड बम और मिसाइलों से निशाना साधने के लिए लेजर डेजिग्नेटर का भी इस्तेमाल किया गया है, जो इसके निशानों को अचूक बना देता है। 


प्रचंड  हेलिकॉप्टर के विंग्स के नीचे  लेज़र गाइडेड रॉकेट लगा सकते हैं. इसे फ्रांस की थेल्स (Thales) कंपनी ने बनयाा है.  यह राकेट भी बहुत हल्का होता है  एक रॉकेट 12.5 किलोग्राम का होता है. लंबाई 1.8 मीटर होती है. व्यास 2.75 इंच होता है. इसकी रेंज 1.5 से 8 किलोमीटर तक होती है. यानी यह हवाई हमला भी कर सकता है या फिर राकेट को  दुश्मन देश युद्धपोत, सतह, किसी विमान या जमीन पर टारगेट करके दागा जा सकता है.राकेट दो तरह का है जो बख्तरबंद और टैंक को भी निशाना बनाने में सक्षम है 


प्रचंड  की सबसे खास बात है इसमें लगे मॉर्डन सेंसर्स। इनमें एक कैमरा और एक इन्फ्रा रेड कैमरा लगा है।इसके कैमरे और सेंसर्स खराब मौसम में भी दुश्मनों की स्तिथि और लोकेशन का  पता लगाने में सक्षम हैं। इसके अलावा जमीन और हवाई लक्ष्यों पर गोलीबारी, लेजर-गाइडेड बम और मिसाइलों से निशाना साधने के लिए लेजर डेजिग्नेटर का भी इस्तेमाल किया गया है, जो इसके निशानों को अचूक बना देता है इसके आने से निश्चित ही सेनाओं की ताकत बडेगी और हमारी वायु सेना ऊंचाई पर भी युद्ध करने और दुश्मन को सबक सिखाने में सक्षम होगी 

वायुसेना और भारतीय थल सेना की बढ़ेगी ताकत

सरकार ने करीब 15 हेलिकॉप्टर बनाने का ऑर्डर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया था. इन 15 हेलिकॉप्टरों में से 10 वायुसेना और पांच भारतीय सेना को मिल रहे हैं. जबकि आनेवाले समय में इनकी तादाद औऱ बढ़ेगी. 


सरकार ने सेना के लिए 95 और LCH खरीदने की योजना बनाई है. इन हेलिकॉप्टरों को सात यूनिटों में सात अलग-अलग इलाकों में तैनात किया जाएगा. जिससे देश की सीमाओं को सुरक्षित तरीके से निगरानी की जय और दुश्मन देश पर नजर रखा जा सकता है 


कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर 

Q1- एलसीएच  प्रचंड को कब वायु सेना में शामिल किया गया है?

Ans - एलसीएच हेलीकॉप्टर प्रचंड को 3 Octeber 2022 में वायु सेना में शामिल किया गया है ।

Q2-  एलसीएच मतलब क्या होता है ?

Ans- एलसीएच LCH  का फुल फॉर्म light combat Helicopter होता हैं ।

Q3- एलसीएच प्रचंड में कितने इंजन है ? 

Ans- प्रचंड हेलीकॉप्टर दो इंजन का  हेलीकॉप्टर है। हेलीकॉप्टर में  हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटे  द्वारा अत्याधुनिक  मॉडिफाइड शक्ति टर्बोशाफ्ट इंजन्स का इस्तेमाल किया गया है । 

Q4- प्रचंड को कहा बनया गया है ?

Ans- प्रचंड को सरकारी कंपनी  हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में विकसित किया गया है। 

Q5-एलसीएच प्रचंड की रफ्तार कितनी है ?

Ans- एलसीएच प्रचंड की  रफ्तार 268 KM प्रतिघंटा तक है। 

Q6- एलसीएच प्रचंड कितने  घंटे उड़ान भर सकता है ?

Ans-  इसके अलावा यह हेलीकॉप्टर एक बार 3 घंटे से ज्यादा की उड़ान और  550 KM तक की दूरी बिना फ्यूल को दुबारा भरे  पूरा कर सकता है। 

Q7- एलसीएच प्रचंड कहा उड़ान भरने में सक्षम है ?

Ans- एलसीएच प्रचंड दुर्गम पहाड़ी इलाकों काफी ऊंचाई में उड़ान भरने में सक्षम है ।


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आप यह भी पढ़ सकते है 5G Mobile Network , नरेन्द्र मोदी


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