Mulayam Singh Yadav
मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश
और देश की राजनीति में एक नाम जो कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है , उन्होंने देश सेवा में पूरा
जीवन गुजार दिया उनके द्वारा किए गए अनेक कार्य उनको अविस्मरणीय बनाते है ,एक ऐसी शख्सियत
जिन्होंने अपने दम पर समाजवादी पार्टी को खड़ा किया और फिर उसको राजनीति के शीर्ष पे
लेकर आए नेताजी के नाम से मशहूर मुलायम सिंह
यादव जी ने काफी उतार चढ़ाव देखे थे ,10 अक्टूबर 2022 सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में
सुबह 8 बजकर 15 मिनट को लंबी बीमारी के बाद नेता जी का निधन हो गया वो 82 वर्ष के थे ।
उनके निधन पे प्रधान मंत्री
नरेंद्र मोदी ने कहा उनका जाना देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है । आइए जानते है मुलायम
सिंह यादव जी के जीवन के बारे में हमारे इस ब्लॉग पोस्ट में -
जन्म
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गाँव में मूर्ती देवी व सुघर सिंह के यहां किसान परिवार में हुआ था। मुलायम सिंह अपने पाँच भाई-बहनों में रतनसिंह से छोटे व अभयराम सिंह, शिवपाल सिंह यादव, रामगोपाल सिंह यादव और कमला देवी से बड़े हैं। इनके पिता जी चाहते थे की ये पहलवान बने पर होनी को तो कुछ और ही मंजूर था ये पहलवानी फिर शिक्षक फिर राजनीति करते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति के शीर्ष तक पहुंचे ।
शिक्षा
मुलायम सिंह जी की शिक्षा
पढ़ाई खत्म होने के बाद मुलायम
जी ने शिक्षक की नौकरी की थी। राजनीति में कदम रखने से पूर्व वह अध्यापक का कार्य में
थे। साल 1955 में उन्होंने जिस जैन इंटर कॉलेज में नवीं कक्षा में एडमिशन लिया था।
1959 में इंटर पूरी हो जाने के बाद इन्होने साल 1963 इसी कॉलेज में सहायक अध्यापक के
तौर पर नौकरी शुरू किया था । जहाँ उनकी तनख्वा 120 रुपए प्रतिमहीने थी ।
शादी
राजनीतिक जीवन
मुलायम सिंह यादव जी ने साल 1960 में राजनीति में आ गए जिसके बाद मुलायम जी 1967 में पहली बार डॉक्टर राम मनोहर लोहिया की संयुक्त सोशियल पार्टी के टिकट पर इटावा के समीप जसवंत नगर से चुनाव लड़कर विधायक बने
मुलायम सिंह यादव जी के राजनैतिक
गुरु डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के 1968 निधन के बाद मुलायम सिंह जी ने पश्चिमी उत्तर-प्रदेश
के उभरते किसान नेता चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल यानी (BKD) को ज्वाइन किया।
भारतीय क्रांति दल की टिकट
पर पुनः 1974 में मुलायम सिंह यादव जी विधायक बने। इसी वर्ष 1974 में भारतीय क्रांति
दल और संयुक्त सोशियल पार्टी का विलय हुआ जिसके बाद नयी पार्टी बनी जिसका नाम भारतीय
लोकदल रखा गया।
बाद में इमरजेंसी का भीं दौर
आया जिसमे उस समय तमाम गैर कांग्रेसी नेताओं
को जेल में डाला गया। मुलायम सिंह यादव भी जेल गए। और जेल में
मुलायम सिंह जी की तमाम नेताओं के साथ मुलाकात हुई इमरजेंसी हटने के बाद सारे नेताओं ने एकजुट होकर जनता पार्टी बनाई और चुनाव
लडे जिसके परिणाम यह हुआ की कांग्रेस केंद्र
और उत्तरी भारतीय राज्यों में बुरी तरह नाकाम रही । उत्तर- प्रदेश में जनता पार्टी
की सरकार बनी और उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री रामनरेश यादव जी को बनाया गया और मुलायम
जी इसी जनता पार्टी में सहकारिता और पशुपालन मंत्री बनाये गए।
साल 1987 – मुलायम सिंह के
गुरु चौधरी चरण सिंह का देहांत हुआ और मुलायम सिंह का इसी वर्ष से राजनैतिक सफर में
कद बढ़ा। इसी वर्ष भारतीय लोकदल के संगठन पर कब्जे को लेकर चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत
सिंह और चौधरी चरण सिंह के शिष्य मुलायम सिंह के बीच संघर्ष छिड़ा। जिसमें अजीत सिंह
की जीत हुयी।
साल 1989 देश में लोकसभा के चुनाव हुए साथ में विधानसभा के चुनाव हुए। लोकसभा के चुनावों में जनता दल राष्ट्रीय मोर्चा बनाकर उभरा जहाँ उसे बीजेपी ने अपना समर्थन प्रदान किया। उत्तर-प्रदेश राज्य में इसी वर्ष 421 सीटों पर चुनाव हुए और जनता दल 208 सीटों पर चुनाव जीता। इस समय मुख्यमत्री पद के लिए 3 दावेदारियां थी जिसमें मुलायम सिंह यादव ,अजीत सिंह ,और अमेठी रियासत के राजकुमार संजय सिंह थे।
धरती पुत्र’ उपनाम से मशहूर
मुलायम सिंह यादव ने 4 अक्टूबर 1992 को समाजवादी
पार्टी का गठन किया था. समाजवादी पार्टी के अगुआ और पार्टी संस्थापक भी थे और फिर
1993 से 1996 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे इसके बाद मुलायम सिंह यादव जी अपने राजनीतिक जीवन में तीन
बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे है ।
5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी
1991 तक,
5 दिसम्बर 1993 से 3 जून
1996 तक,
29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक ,
2012 मे मुलायम सिंह यादव
जी की पार्टी समाजवादी पार्टी
को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव मे बहुमत मिला। उत्तर प्रदेश की जनता ने नेता जी
के विकास कार्यो से प्रभावित होकर उनको सरकार बनाने का जनमत दिया।लोकप्रिया नेता जी ने
समाजवादी पार्टी के दूसरे लोकप्रिय नेता अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री
बनाया.अखिलेश यादव मुलायम सिंह के पुत्र है। अखिलेश यादव ने नेता जी के बताए गये रास्ते
पर चलते हुए
केंद्र की राजनीति में
अपने राजनीतिक जीवन में मुलायम सिंह यादव जी सदस्यता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप मे
5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक,
5 दिसम्बर 1993 से 3 जून
1996 तक ,
29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक ,
विधान परिषद के सदस्य
साल 1982 से 85 मुलायम सिंह
यादव जी तक विधान परिषद् के सदस्य रहे।
विधानसभा में कार्यकाल
1974, 1977, 1985, 1989,
1991, 1993 और 1996 में विधानसभा के सदस्य के रूप में मुलायम सिंह यादव जी निर्वाचित हुए हैं।
साल 1977 में मुलायम सिंह
यादव जी ने सहकारिता और पशुपालन मंत्री का पदभार संभाला।
विपक्ष के नेता के रूप में
1982-1985- वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य में रहे।
साल 1985-1987 – विपक्ष के
नेता, और उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य
रहे ।
केंद्र में मंत्री
साल मुलायम सिंह यादव जी
1996 -98 में रक्षा मंत्री पद पर रहे।
संपत्ति
मुलायम सिंह यादव जी की कुल
संपति मिडिया रिपोर्ट के अनुसार करीब 15 से 16 करोड़ रुपए है ।
किताबे व सम्मान
"मुलायम सिंह यादव- चिन्तन और विचार"को जिसे सम्पादित किया गया अशोक कुमार शर्मा जी द्वारा ।
“मुलायम सिंह: ए पोलिटिकल बायोग्राफी” इस पुस्तक को राम सिंह एवम अंशुमान यादव के द्वारा लिखा गया है।
सम्मान
से मुलायम सिंह यादव को
28 मई, 2012 को लंदन में ‘अंतर्राष्ट्रीय जूरी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था ।
कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न और
उनके उत्तर
Q1- मुलायम सिंह यादव जी का जन्म कब हुआ था ?
Ans-
मुलायम सिंह यादव का जन्म
22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले उत्तर प्रदेश में हुआ था ।
Q2- मुलायम सिंह यादव की मृत्यु कब हुई?
Ans- 10 अक्टूबर 2022 को मुलायम सिंह
यादव की मृत्यु हुई।
Q3- मुलायम सिंह यादव जी की संपत्ति कितनी है ?
Ans- मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुलायम सिंह यादव जी की संपति करीब 15 से 16 करोड़ रुपए है ।
Q4- मुलायम सिंह यादव जी
की पहली पत्नी कौन थी ?
Ans-
मुलायम सिंह यादव जी की पहली
पत्नी मालती देवी थी। जिनका देहांत 2003 में हुआ था।
Q5- मुलायम सिंह यादव की मृत्यु कैसे हुई ?
Ans- लम्बी बीमारी के चलते गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सुबह
8 बजकर 15 मिनट मुलायम सिंह यादव जी मृत्यु हुई थी ।
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