बनारस जैसा की हम पहले भी पढ़ और जान चुके है की कई पर्वो और अनूठे परंपराओं रीति रिवाजों से भरा पड़ा है इस में एक पर्व और अनुष्ठान जिसे देवताओं की दीपावली dev diwali 2022 कहते है ।Dev Diwali 2022 Varanasi: Dev Deepawali Banaras Dev Diwali Date देव दीपावली 2022 बनारस डेट और टाइम
Dev Diwali 2022 Varanasi: Dev Deepawali Banaras Dev Diwali Date देव दीपावली 2022 बनारस डेट और टाइम
आइए जानते है है हमारे इस पोस्ट में Dev Diwali 2022 Varanasi: Dev Deepawali Banaras के बारे में dev diwali 2022 date तारिख और कब और क्यों मनाते है तो आइए जाने है dev deepawali in varanasi 2022 ke bare me
देव दीपावाली 2022 कब है dev deepawali in varanasi 2022
दीपावली का उत्सव वैसे भीं खास होता है पर बनारस में ये और खास होता है बनारस में दीपावाली के ठीक पंद्रह दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है इसे लोग देवताओं की दिपावली कहते है ऐसी मान्यता हैं कि इस सारे देवता लोग पृथ्वी पर आते हैं उसी उपलक्ष्य में देव दिवाली मनाई जाती है देव दिवाली दिवाली के ठीक पंद्रह दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है । लेकिन इस बार कार्तिक पूर्णिमा 8 अक्टूबर को है और इसी दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा हैं तो देव दिवाली 7 अक्टूबर को मनाना तय हुआ है देव दिवाली को बनारस Varanasi के सारे घाट दियो की रोशनी से जगमगा उठे है यह नजारा देखने योग्य होता है आप इस स्मृति को हमेशा अपने जेहन में संजो के रखे रहेंगे आप इस बनारस के घाटों पे अलग बनारस देखेंगे जो दियो की रोशनी से जगमग रहेगा एक अलग छटा आपको देखने को मिलेगा आप भी आए और इस नजारे को अपने आंखो में कैद करे ।
देव दीपावाली का पौराणिक महत्व dev diwali 2022 significance
देव दीपावली सबसे पहला वर्णन “शिव पुराण” में मिलता है । और भी कई ग्रंथि में इस प्राचीन उत्सव का वर्णन है । देव दिवाली को बनारस वासी प्राचीन मानते है मान्यता है इस दिन स्वर्ग लोग से सारे देवता पृत्वी पर आते है और उत्सव मनाते है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शिव जी ने तीन राक्षसों को हराया और मार डाला: तारकक्ष, विद्युतुमली, और वीर्यवन, जिन्हें त्रिपुरासुर के नाम से जाना जाता था । का वध। किया था जिसके बाद से देवता लोग ने इस दिन को उत्सव के रूप दियो से सजा के मनाया था तब से ये परम्परा चली आ रही है है और सारे बनारस वासी इसे उत्सव के रूप में मनाते है । देव दीपावली को गंगा जी में स्नान करने का और स्नान करने के बाद गंगा जी में स्नान करने के बाद दीपदान दिए जलाने का बहुत महत्व है कार्तिक पूर्णिमा को बनारस के पंचगंगा घाट पे नहाने से पूरे वर्ष भर के स्नान का फल मिलता है ।देव लोगो द्वारा द्वारा शुरू किया गया उत्सव जो की विश्व प्रसिद्ध देव दिवाली के रूप में आज है जिसे देखनेपूरी दुनिया से लोग और के अग्नतुक टूरिस्ट यहां आते है की शुरुआत महारानी अहिल्या बाई भी 1785 ईसवी में के द्वारा पंचगंगा घाट पर 1000 दीपकों के स्तंभ को दीप प्रज्ज्वलित कर मानव जन तक पहुंचाने का कार्य पर ही शुरु किया था उसके बाद यह परंपरा धीरे-धीरे समय के साथ काशी के 84 घाटों तक पहुंच गई बाद में काशी नरेश महाराजा विभूति नारायण सिंह और उनके साथियों सहयोगियों ने मिलकर 1985 से देव दीपावली परंपरा को आगे बढ़ाया. गंगा सेवा निधि दशाश्वमेघ घाट की सन 1991में शुरू हुई गंगा आरती के बाद देव दीपावली dev diwali 2022 ने वैश्विक स्वरूप ले लिया. घाटों का यह महापर्व विश्व पटल तक पहुंच गया विश्च भर के पर्यटक यहां आज देव दिवाली देखने आते है और काशी की प्राचीनता दिव्यता और भव्यता का आनंद पाते और लेते है और दियो के प्रकाश को गंगा जी में देख के असीम आनंद लेते हैं
dev diwali 2022 date देव दीपावाली बनारस की तारिख
देव दिवाली दीपावली कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है जो की दिवाली के करीब पन्द्रह दिन बाद आती है लेकिन इस बार कार्तिक पूर्णिमा 8 अक्टूबर को है और उसी दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है इसलिए दियों का ये त्योहार इस बार देव दिपावली 7 तारीख यानी dev diwali 2022 7 अक्टूबर 2022 को मनाई जाएगी और इसके लिए खूब खास तैयारियां की गई है । पूरे चौरासी घाटों पे आप दियो की जगमगाहट को देख सकेंगे शाम 6 बजे के बाद से यह उत्सव शुरू हो जायेगा लोग घाटों पे आने लगेंगे और अपने साथ ले आए मिट्टी के दियो को जलकाते है और आनंद विभोर होते है यकीन मानिए आप को इस नजारे का साक्षी होना चाहिए यह आपने आप में में एक अदभुत झलकियां और नजारा होता है ।
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