पूरी दुनिया में कई सारे धर्म और उनकी मान्यताएं है हर धर्म की अपनी अलग विशेषता और संस्कृति है और धर्म के मानने वालो का कोई न कोई प्रमुख त्योहार होती हैं इसी तरह क्रिश्चियन लोगो का एक प्रमुख त्योहार क्रिसमस डे है । क्रिश्चियन लोगों जो ईसाई धर्म को मानते है ,के बीच में हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है लोग इसकी तैयारी बहुत दिन बहुत पहले से करने लगते है लोग कई दिन पहले से धार्मिक आयोजन करते है , क्रिसमस ट्री को रंग बिरंगी घंटियों से सजाते है और अपने भगवान ईसा मसीह का ध्यान करते हैं, मान्यता हैं की इस दिन इस दिन इस मसीह से प्रार्थना करने पर सारी मुरादे पूरी होती है ।आज हमारे इस पोस्ट में हम Christmas day: क्रिसमस डे 2022 । क्रिसमस डे का इतिहास क्रिसमस डे क्या है और क्यों मनाते है ये जानेंगे ।
क्रिसमस डे 2022 क्या है और क्यों मनाते है
What is Christmas day why it’s celebrate
क्रिसमस डे ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है जो उनके प्रभु ईसा मसीह के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है । मान्यता है प्रभु ईसा मसीह ने 25 दिसंबर को धरती पर जन्म लिया था तब से आज तक हर वर्ष उनके जन्म दिवस की क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है । मान्यता है इस मसीह ने ही ईसाई धर्म की शुरुआत की थी । इसकी तैयारी कई दिन पहले से हिनलोग करते है और इक्कठा होकर कई दिन पहले से ही कैरोल गाना carol song गाना शुरू कर देते है।
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क्रिसमस डे का इतिहास
सबसे पहले क्रिसमस डे रोमन साम्राज्य में मनाया गया था जोकि 336 ईस्वी में मान्य गया था ,क्यों की जिस शहर नजरथ में प्रभु ईसा का जन्म हुआ था वह रोमन साम्राज्य के अंदर ही आता था । लोगो का मानना है की पहले क्रिसमस डे मानने का कोई रिवाज नही था। प्रभु ईसा मसीह की जन्म तिथि को लेकर कई मतभेद देखे जाते हैं। पुराने इतिहास के अनुसार 7 से 2 ई. पूर्व के बीच प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था। सूर्य के उत्तरायण में जाने के मौके पर एक दूसरा बड़ा त्योहार ईस्टर मनाया जाता है। उस दिन सूर्य की उपासना की जाती। 25 दिसंबर से दिन बढऩे लगता है, तो इस समय मान्यता थी कि इस दिन सूर्य का पुनर्जन्म होता है और वो इसी को उत्सव के रूप में मनाते थे । उन्हें प्रभु ईसा के जन्म की वास्तविक तिथि के बारे में ज्ञात नहीं था, तो उन्होंने 25 दिसंबर 2022 को प्रभु यीशु के जन्मदिन यानी क्रिसमस डे christmas day 2022 के रूप में मनाना शुरू कर दिया। इससे पहले इसाइयों का प्रमुख त्योहार ईस्टर था। पोप सेक्स्तुस जूलियस अफ्रिकानुस वह पहले शख़्स थे, जिन्होंने बड़े दिन की तारीख 25 दिसंबर क्रिसमस डे के रूप में तय की थी । उन्होंने साल 221 में ईसाई क्रोनोग्राफी में 25 दिसंबर का उल्लेख किया है। रोम के पहले ईसाई सम्राट कॉन्सटेंटाइन ने भी इसी तिथि को मान्यता दी है।
क्रिसमस डे 2022 का महत्व Importance of Christmas day
क्रिसमस डे प्रभु ईसा के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है , यह पूरे विश्व का ऐसा पहला पर्व है जिसमे करीब पूरे देश में छुट्टी रहती है । इस त्योहार को करीब करीब हर देश में मनाया जाता हैं। लोग अपने अपने घरों में क्रिसमस ट्री को सजाते है । क्रिसमस ट्री को रंग बिरंगी घंटियोंसे सजाया जाता है । लोग प्रभु ईसा मसीह की प्रार्थना करते है , प्रभु ईसा मसीह के जन्म से सम्बन्धित झाकियां सजाते हैं।और आपस में मिलजुलकर इस त्योहार को मानते है ।
क्रिसमस डे की कहानी story of Christmas day । ईसा मसीह का जन्म
मरियम नाम की एक औरत नासरत शहर में रहती थी जिसकी मंगनी यूसुफ नाम के एक आदमी से हुई थी । एक दिन उसके पास देवताओं ने देव दूत गेब्रियल को भेजा जिसने मरियम को बताया कि वो गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी जो की पवित्र आत्मा होगा और वो देवताओं का उसे उपहार है और शिशु ही जगत का उद्धार करेगा और तुम इसका नाम यीशु रखना । मरियम ने ये बात यूसुफ को बताई तो यूसुफ से उसकी बात मानकर उससे शादी कर ली और नासरत में रहने लगा ।नासरत रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। मरियम की गर्भावस्था के दौरान ही रोमन राज्य की जनगणना का शुरू हो गई। तब नियमों के चलते यूसुफ भी अपनी पत्नी मरियम को लेकर नाम लिखवाने येरूशलम के बैतलहम नगर को आना पड़ा। सारे सराय पहले से ही भर गए थे कोई सराय में जगह न मिलने के कारण उन्होंने एक गौशाले में शरण ली। बैतलहम में उसी रात को ही मरियम के गर्भावस्था के दिन पूरे हूए और उसने एक बालक को जन्म दिया और उस बालक को कपड़े में लपेटकर घास से भरी चरनी में सुला दिया और उसका नाम यीशु रखा। देवदूतो ने पास के गरड़ियों को जाके बताया की उनके पास प्रभु ने जन्म लिया है न, यह जानकर कि पास ही उद्धारकर्ता यीशु जन्मा है जाकर उनके दर्शन किए ।
यीशु के जन्म की सूचना पहले से तीन ज्योतिषी लोगो थी , ईसा मसीह के जन्म के बाद वो भी येरूशलम पहुंचे। एक तारे ने यीशु मसीह का पता उन्हे बताया था। उन्होंने प्रभु के चरणों में गिर कर उनका यशोगान किया और अपने साथ लाए तोहफे यीशु मसीह के चरणों में अर्पित कर दिया । इस तरह प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ जिनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हर साल क्रिसमस डे मान्य जाता है ।
क्रिसमस ट्री का महत्व Christmas tree
इस त्योहार में क्रिसमस ट्री का भी बहुत महत्व है लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री को रंग बिरंगी घंटियों और तारे बल्ब और लाइटों और उपहारों से सजाते है । इसकी शुरुआत जर्मनी से हुई थी उसके बाद यह 1900 में इंग्लैंड में शुरू हुआ । मान्यता है जान प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ था तब उनके माता पिता को बधाई देने वालों में देवदूत भी शामिल थे। जिन्होंने सितारों से रोशन सदाबहार फर को उन्हें भेंट किया था।
एक मान्यता ये भीं है इसको अच्छे से सजने से इससे बच्चो की उमर लंबी होती है।
इसकी शुरुआत एक बीमार बच्चे के पिता ने अपने बेटे को खुश करने के लिए किया था और एक सदाबहार पेड़ को खूब तोहफो और घंटियों और तरह तरह की चीजों से सजाया था।
क्रिसमस करीब 12 से 14 दिन तक चलने वाला त्योंहार हैं,इसमें सब लोग एक साथ मनाते है ।
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