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26 January 2023। 26 जनवरी 2023 गणतंत्र दिवस 2023। गणतंत्र दिवस का भाषण।

हम इस बार अपना 75 वा गणतंत्र दिवस मना रहे है। पूरे देश में यह पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह हमारे देश की प्रमुख छुट्टियों में से एक है। इस बार के मुख्य अतिथि मिस्त्र के राष्ट्रपति - अब्देल फत्ताह अल सीसी है। तो आइए जानते है 26 January 2023। 26 जनवरी 2023 गणतंत्र दिवस 2023। गणतंत्र दिवस का भाषण के बारे में मेरे इस पोस्ट में।

हमारा देश आजाद तो 15 अगस्त 1947 को ही हो गया था।पर हमारे पास अपना  देश चलाने के लिए कोई कानून,कोई संविधान नही था जिस पर चलकर,सबको साथ में लेते हुए देश का विकाश देश के लोगो का विकास और उनको आगे बढ़ाया जाए,ताकि सबको उनके भारत में बराबर का अधिकार हो,और इसी सब को देखते हुए बनाया गया देश का संविधान और इसे लागू किया है।

जिस दिन भारत देश के संविधान को लागू किया गया उसी दिन से देश को असल में स्वतंत्र होने की पहचान मिली देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 18 मिनट पर लागू किया गया था,और इसे लागू करने के बाद एक गणतंत्र देश की पहचान मिली, और इस दिन को ही गणतंत्र दिवस के रूप मनाया जाता है।इससे देश के नागरिकों को कई अधिकार मिले।इस साल देश अपना 74 वा गणतंत्र दिवस मना रहा है तो आइए जानते है विस्तार से 26 January 2023। 26 जनवरी 2023 गणतंत्र दिवस 2023। गणतंत्र दिवस का भाषण। के बारे में मेरे इस पोस्ट में।

26January



गणतंत्र दिवस 2023। republic day 2023

जैसा की हम ऊपर ही पढ़ चुके है की हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था। लेकिन किसी देश को चलाने के लिए उस देश का नियम और कानून होना चाहिए इस सबको देखते हुए एक संविधान सभा का घाट किया गया, संविधान सभा का गठन 6 दिसंबर 1946 को ही हो गया था।और उसने अपना कार्य प्रारंभ भी कर दिया था,पर 15 अगस्त1947 के बाद जब देश आजाद हो गया तो यह सभा पूर्ण कार्य करने में सक्षम हो गयी।

संविधान सभा के सभी सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद,जवाहरलाल नेहरू, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सरदार वल्लभ भाई पटेल,  मौलाना अबुल कलाम आजाद संविधान सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्ग से 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा में शामिल थे। संविधान सभा के प्रथम सभापति सच्चिदानन्द सिन्हा थे। परन्तु बाद में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को सभापति निर्वाचित किया गया।  निर्मात्री समिति का अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर को चुना गया था। संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बैठक की और देश के  संविधान का निर्माण किया। इसकी बैठकों में देश की प्रेस  प्रेस और देश की जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी।

भारत देश को एक स्वतन्त्र गणराज्य बनाने के लिए और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था। इसे 26 जनवरी की तिथि को इसलिए लागू किया गया क्युकी चुना गया क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।

संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। हमारे देश का संविधान 2 भाषाओँ अंग्रेजी और हिंदी में लिखा गया है जिसे प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के द्वारा लिखा गया था। जब संविधान बना उस समय हमारे संविधान में कुल 22 भाग, 396 अनुच्छेद, 8 सूचियां शामिल थी। जिनमें आज तक 104 बार संशोधन किये गए हैं। और इन्ही नियमों अधिकारों को लागू करके हमें सिखाया की हमें कैसे रहना है,कैसे जीवन जीना है,हमारे क्या कर्तव्य है।

जब संविधान लागू हुआ तब जाकर देश के लोगो को उनका मौलिक अधिकार,कर्तव्य और देश के अंदर कही आने जाने और मतदान करने का अधिकार प्राप्त हुआ।

नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री भारत

गणतंत्र दिवस 2023 का इतिहास। History of Republic day।

पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की अध्यक्षता में 1929 में लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन संपन्न हुआ था।जिसमे इस बात की घोसड़ा की गई जब तक ब्रिटिश सरकार भारत को पूर्ण स्वतंत्रता नही दे देती तब तक आंदोलन किया जाएगा।और 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मानने की शुरुआत हुई। तब से लेकर जब तक देश स्वतंत्र नहीं हुआ यानी 15 अगस्त 1947 तक 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया था।

देश की आजादी के बाद संविधान सभा का निर्माण किया गया जिसका उद्देश्य संविधान का निर्माण करना था। इस संविधान सभा समिति में मुख्य रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू, भीम राव अंबेडकर, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद,मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार पटेल,आदि व्यक्ति थे।जिनका काम देश को एक सशक्त संविधान प्रदान करना था।

इस समिति ने दो साल ग्यारह महीने 18 दिन में संविधान का निर्माण किया।हमारे देश के संविधान में कई देशों के संविधान से तत्वों को लिया गया है जैसे मूल कर्तव्य rus se thatha नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से प्रेरित है।भारतीय संविधान भारतीय गणराज्य के लोगो को कई मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य और कानून की सुविधा प्रदान करता है।

संविधान सभा समिति द्वारा संविधान को 26 जनवरी 1949 को पारित किया गया।और 26 जनवरी 1950 में इसे देश में लागू किया गया।संविधान के अनुसार भारत राज्यों का एक समूह होगा।यानी भारत गणराज्य Republic of India।

देश के लोगो को संविधान लागू होने बाद सबको एक कानून एक तहत लाया गया चाहे वो कोई बड़ा आदमी हो या छोटा सबको एक समान अधिकार प्राप्त है।

गणतंत्र दिवस 2023 मनाने का उद्देश्य। Republic day significance।

गणतंत्र दिवस के मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य यह की देश को आजाद होने के बाद इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था।पर हमारे देश को  आजादी ऐसे ही नही मिल गई थी,इसमें महात्मा गांधी, सुभाष चन्द्र बोस, चन्द्र शेखर आजाद, आदि का बहुत योगदान था।आजादी दिलाने में हमारे देश के जाने कितने जाने और अनजाने वीर सपूत भारत माता को स्वतंत्रता दिलाने में शहीद हो गए थे।उनको हम याद करे और ये प्रतिज्ञा करे की जब भी देश को जरूरत होगी हम भी देश के लिए प्राणों को न्योछावर करने के लिए तैयार रहेंगे।

यह हमारे देश की तीन प्रमुख छुट्टियों में से एक है।26 जनवरी, 15 अगस्त, 2 अक्टूबर गणतंत्र दिवस,स्वतंत्रता दिवस,गांधी जयंती।

गणतंत्र दिवस समारोह।Republic day Celebration।

गणतंत्र दिवस वैसे तो पूरे भारत में धूम धाम से मान्य जाता है,पर देश की राजधानी दिल्ली में इसे विशेष रूप से मान्य जाता है।इस दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है।प्रधान मंत्री इस दिन इंडिया गेट पर बने अमर जवान ज्योति पर सैनिकों को श्रद्धांजलि देते  है,और अपने देश के वीर सपूतों को याद करते है जिन्होंने देश के आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।

उसके बाद वो कार्यक्रम स्थल तक आते है। प्रधान मंत्री के बाद राष्ट्रपति देश के मेहमान के साथ आयोजन स्थल तक आते हैं।

इस दिन इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक एक परेड आयोजित की जाती है। जिसमे वायुसेना, थल सेना,और जल सेना सभी भाग लेती है।पूरे देश से NCC के केडेड, विभिन्न विद्यालयों के बच्चे इस परेड में भाग लेने के लिए दिल्ली स्थित परेड स्थल पर आते हैं।

गणतंत्र दिवस पर किसी देश के राष्ट्र अध्यक्ष या प्रधान मंत्री को विशेष मेहमान के। तौर पर बुलाया जाता है इस बार के मेहमान इस बार के मुख्य अतिथि मिस्त्र के राष्ट्रपति - अब्देल फत्ताह अल सीसी को बनाया गया है।

पूरे देश के स्कूलों में इस अवसर को बहुत धूम धाम से मनाया जाता है,इस अवसर सांस्कृतिक कार्यकर्म आयोजित किए जाते है। विद्यालय में प्रतियोगिता आयोजित की जाती है इनाम और मिठाइयां भी बाटे जाते है।

गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगो द्वारा अपने देश के वीर जवानों को याद करना ,उनके पराक्रम और शौर्य को याद करना,इस दिन लोग अपने देश के बलिदानी सपूतों को याद करते हैं,जिन्होंने इस देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की आहुति देकर इस देश की जमी को अपने लहू से सींचा है।

गणतंत्र दिवस 2023 कनक्लूजन

आप को इस पोस्ट में हमने बताया कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है।इसे कब लागुंकिया गया था।संविधान सभा की स्थापना कब हुई थी। इसने कितने दिनों में देश के संविधान का निर्माण किया। गणतंत्र दिवस मनाए जाने का क्या उद्देश्य है।

आप को हमारा ब्लॉग पोस्ट 26 January 2023। 26 जनवरी 2023 गणतंत्र दिवस 2023। गणतंत्र दिवस का भाषण।  कैसा लगा कमेंट में बताए आप इसे शेयर भीं कर सकते है।आप के विचार हमारे लिए महत्व पूर्ण है।


26 January 2023 FAQ

Q1-भारत देश का संविधान कब लागू हुआ था?

Ans- भारत देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को 10 बजकर 18 मिनट पर लागू हुआ था।

Q2-भारत का संविधान कितने भाषाओं में लिखा है?

Ans-भारत का संविधान 2 भाषाओं हिंदी और अंग्रेजी में लिखा है।

Q3- भारत को गणराज्य के रूप में कब से जाना गया?

Ans- भारत को 26 जनवरी 1950 के बाद से संविधान लागू होने के बाद भारतीय गणराज्य के रूप में पहचान मिली।

Q4-26 जनवरी 2023 के मुख्य अतिथि कौन है?

Ans-26 जनवरी 2023 के मुख्य अतिथि मिस्त्र के राष्ट्रपति - अब्देल फत्ताह अल सीसी है।

Q5- 26 जनवरी पे झंडा कौन फहराता है?

Ans-26 जनवरी पे झंडा भारत के राष्ट्रपति  फहराते है।


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