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Somaliya Attack।सोमालिया में ताज होटल जैसा आतंकवादी हमला

 सोमालिया में आधी रात में आतंकवादी हमला हुआ है वैसा ही जैसा मुंबई में होटल ताज में  था होटल में लोगो को बंधक गया है  सोमालिया की राजधानी मोगादिशु स्थित  होटल हयात  फाइव स्टार होटल में हुआ है हमला राजधानी मोगादिशु स्थित  होटल हयात  पर आतंकियों ने कब्जा जमा लिया है. आतंकी हमले में अब तक 12 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस साल मई में  राष्ट्रपति हसन शेख मोहम्मद  के सत्ता संभालने के बाद यह पहला बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है. हमले में होटल के मालिक की भी मौत हो गई है.  होटल हयात मोगादिशु में एक पसंदीदा स्थान है जहां कई अन्य होटल भी स्थित हैं, और यह अक्सर सरकारी अधिकारी और आम लोग आते रहते हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐलान किया था कि उसके सुरक्षा बलों ने देश के मध्य-दक्षिणी हिस्से में हवाई हमले में अल-शबाब के 13 लड़ाकों को मार गिराया था क्योंकि समूह सोमालिया सुरक्षा बलों पर लगातार हमले कर रहे था. अमेरिका ने हाल के हफ्तों में इन पर कई हवाई हमले किए हैं.

Hanuman Ji Ki Puja Shanivaar Ko Kyu Karte Hai।शनिवार को क्यों करना चाहिए सुंदर काण्ड का पाठ

आज के पोस्ट में हम बात करेंगे की हनुमान जी की पूजा का शनिवार को करने का इतना महत्त्व क्यों है,भगवान हनुमान जी की कलयुग का देवता और संकट मोचन भी कहते है,क्यों की मान्यता है जहा कही भी राम कथा होती है बजरंग बली वहा राम कथा सुनने जरूर आते है तो आइए जानते है Hanuman Ji Ki Puja Shanivaar Ko Kyu Karte Hai।शनिवार को क्यों करना चाहिए सुंदर काण्ड का पाठ तो आइए जानते है। Hanuman Ji Ki Puja Shanivaar Ko Kyu Karte Hai हनुमान जी की पूजा शनिवार को करने से प्रभु बजरंग बली प्रसन्न होते है,और अपने भक्तो के सारे कष्ट को हर लेते है।और भक्त को हनुमान जी कृपा प्राप्त होती है। हनुमान जी का दिन शनिवार और मंगलवार को माना जाता है इस दिन हनुमान जी के दर्शन करके हनुमान जी को गुड़ चना का भोग लगाए,तुलसी की माला चढ़ाए,आप यथा शक्ति लड्डू और पेड़ा भी चढ़ा सकते है। और आप हनुमान चालीसा,बजरंग बाण, हनुमान स्रोत,हनुमान अष्टक, सुंदर काण्ड का पाठ करे उसके बाद हनुमान जी की आरती करे,प्रभु आप के सारे कष्ट को दूर कर देंगे। शनिवार और मंगलवार को हर हनुमान मंदिर में भक्तो की भीड़ बढ़ जाती है और लोग बजरंग बली से आशीर्वाद लेते है,मा

भगवान कृष्ण का जाप करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती है

भगवान कृष्ण का जाप करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती है :- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान कृष्ण के बालस्वरूप की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण के सभी नामों का जाप करने से भक्तों की हर कामना पूरी होती. उनके कष्ट मिट जाते हैं. भक्तों के हर सपने पूरे होते हैं. जो दंपत्ति संतान चाहते हैं. उन्हें जन्माष्टमी व्रत के दिन कृष्ण के नामों का जाप करना चाहिए. उत्तम फल मिलता है. भगवान श्री कृष्ण एक महान वक्ता के रूप में जाने जाते थे, जिन्होंने दुनिया को प्रेम और कर्म का पाठ पढ़ाया. श्री कृष्ण ने भागवत गीता की रचना की थी और उनके मुंह में पूरा ब्रह्मांड समाया था.  ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान श्री कृष्ण के शरीर पर कुछ खास निशान थे, जिन्हें बहुत ही शुभ माना जाता है. इस तरह के निशान अगर किसी इंसान के शरीर पर हों तो यकीनन वो दुनिया का सबसे खुशहाल, स्वस्थ और समृद्ध इंसान हो सकता है. कान पर तिल:-  जिन लोगों के कान पर तिल होता है, उन्हें बेहद लकी समझा जाता है. हाथ पर तिल- अगर किसी इंसान के हाथ पर तिल हो तो ऐसे

भगवान श्री कृष्ण जी को ठाकुर जी क्यू कहते है भक्त श्री कृष्ण को बांके बिहारी क्यों कहते हैं

भगवान श्री कृष्ण जी को ठाकुर जी  और बाके बिहारी क्यों कहते हैं भगवान श्री कृष्ण जी को ठाकुर जी  क्यू  कहते है :- ठाकुर एक सम्मान सूचक शब्द है, जो परंपरा में नाम के आगे और पीछे दोनों ही रूपों में उपयोग किया जाता है। शब्दकोश में इसे ठाकुर लिखा गया है, जो देवता का पर्याय है। ब्राह्मणों के लिए भी इसका उपयोग किया गया है। अनंत संहिता में “श्री दामनामा गोपालः श्रीमान सुंदर ठाकुरः” का उपयोग भी किया गया है, जो भगवान कृष्ण संदर्भ में है। इसलिए विष्णु के अवतार की देव मूर्ति को ठाकुर कहते हैं। उच्च वर्ग के क्षत्रिय आदि की प्राकृत उपाधि ठाकुर भी इसी से निकली है। किसी भी प्रसिद्ध व्यक्ति को ठाकुर या ठक्कुर कहा जा सकता है। इन्हीं विशेषताओं और संदर्भों के रहते भगवान कृष्ण के लिए भक्त ठाकुरजी संबोधन का उपयोग करते हैं। विशेषकर श्री वल्लभाचार्यजी द्वारा स्थापित पुष्टिमार्गी संप्रदाय के अनुयायी भगवान कृष्ण के लिए ठाकुरजी संबोधन देते हैं। पुष्टिमार्गीय संप्रदाय में श्रीनाथजी के विशेष विग्रह के साथ कृष्ण भक्ति की जाती है। कृष्ण की पूजा ठाकुर जी की पूजा ही कहलाती है। यहां तक कि उनका मंदिर भी हवेली कहा जाता ह

श्री कृष्ण योगेश्वर के बारे में

              श्री कृष्ण योगेश्वर के बारे में  जन्माष्टमी के दिन   भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को मनाया जाता है। अष्टमी तिथि का महत्व इसलिये है क्योंकि वह वास्तविकता के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्वरूपों में सुन्दर संतुलन को दर्शाता है, प्रत्यक्ष भौतिक संसार और अप्रत्यक्ष आध्यात्मिक दायरे। भगवान श्रीकृष्ण   वो संसार के पूर्ण पुरुष थे वो सारी लीलाओं के गायता वो एक नटखट बालक एक मधुर बसुरी वादक एक उत्कृष्ट सफल नर्तक एक अच्छे प्रेमी  एक महान योद्धा एक सफल राजनीतिक वायक्ति महान राजा और रहा बनाने वाले थे उनमें सारे अवस्था के सारे गुड़ मौजूद थे तभी तो वो योगेश्वर कहलाए उनके जीवन के हर पहलू मे वो पूर्ण है  भगवान श्रीकृष्ण  का अष्टमी तिथि के दिन जन्म होना यह दर्शाता है कि वे आध्यात्मिक और सांसारिक दुनिया में पूर्ण रूप से परिपूर्ण थे। वे एक महान शिक्षक और आध्यात्मिक प्रेरणा के अलावा उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ भी थे। एक तरफ वे योगेश्वर हैं (वह अवस्था जिसे प्रत्येक योगी हासिल करना चाहता है) और दूसरी ओर वे नटखट चोर भी हैं।उनका  सबसे अद्भुत गुण यह है कि वे सभी संतों में सबसे श्रेष्ठ ओर पवित्र होने के बावज

कृष्ण जयंती पर कृष्ण जी के बारे में विशेष

                 कृष्ण    कृष्ण या कृष्णा या जगदीश्वर या जगत पालक  प्रभु कृष्णा आज        उनकी जन्म अष्टमी है  बहुत सी भ्रांतिया है जो हम आज भी मानते है आइए जानते हैं योगेश्वर को करीब से:- आज भी हमारे समाज में  कृष्णा या कृष्ण जी को लेकर तमाम भ्रांतियां है जैसे की प्रभु माखन चोर थे जब की वास्तिवकता थी की उन्होंने माखन 8 या 10 साल की अवस्था तक ही चुराया था या चोरी किया होगा क्यों की आज भी बचकाने काम इस उम्र में छूट जाते है और ओ तो स्वय योगेश्वर थे ।  कृष्ण जी 16साल तक ही विरांदवान में थे उसके बाद वो फिर कभी वहा नही गए न उन लोगों से मिले जो उनके साथी थे न गोप न गोपिकाएं फिर कभी नही फिर वो कान्हा से कृष्ण हो गए  । उसके बाद उन्होंने गृह कार्य करना सुरु कर दिया था ओ सर्वत्र और सब जगह रहने वाले थे बाल्यकाल तो जब उनके गुरु संदीपनी ने उनको 15 या 16 वर्ष की उम्र में समझाया की आप क्या है और आप का कार्य क्या है तभी खत्म हो गया था । जिस राधा से उनको या उनका अल्लौकिक प्रेम संबंध बताया जाता है वो भी 16 या 17 की अवस्था तक ही था  । हा ये बात अलग है राधा प्रेम की अधितास्ति थी तभी तो हम  कृष्ण राधा नही

गोरखपुर से प्रयागराज की दूरी 80 किमी होगी कम सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज दिया नए पुल का तोहफा यू पी में

  गोरखपुर से प्रयागराज की दूरी 80 किमी होगी कम सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज दिया नए पुल का तोहफा यू पी में गोरखपुर व अंबेडकरनगर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की पक्के पुल की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दोपहर बाद कम्हरिया घाट पहुंचकर सरयू (घाघरा) नदी पर बने पुल का लोकार्पण किया। करीब 194 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 1412.31 मीटर लंबे इस पुल पर संचालन शुरू हो जाने के साथ ही गोरखपुर से संगमनगरी प्रयागराज के बीच की दूरी करीब 80 किलोमीटर कम हो जाएगी। 500 गांवों के करीब 20 लाख लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। अंबेडकरनगर, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या जाने के लिए लोगों के पास एक वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध होगा। अंबेडकरनगर, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या जाने के लिए मिलेगा वैकल्पिक मार्ग कम्हरिया घाट के एक ओर गोरखपुर तो दूसरी ओर अंबेडकरनगर जिला स्थित है। वर्षों से स्थानीय लोग यहां पक्का पुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं। पक्का पुल न होने के कारण दोनों जिलों के बीच की दूरी 60 किलोमीटर बढ़ जाती थी। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने इस क्षेत्र के