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Obesity full details in Hindi।मोटापा क्या होता है। विश्व मोटापा दिवस कब मनाया जाता है मोटापा कम करने के उपाय – लक्षण, कारण, इलाज ।

आज के समय में सारे लोग अपने असमान्य वजन से परेशान है जब तक उनको पता चलता है तब तक वो मोटापे से ग्रस्त हो चुके होते है आज के हमारे इस पोस्ट में हम इसी तेजी से फैलती बीमारी जिसे मोटापा कहते के बारे में जानेंगे तो आइए मित्रो जानते है हमारे आज के पोस्ट में Obesity full details in Hindi।मोटापा क्या होता है। विश्व मोटापा दिवस कब मनाया जाता है मोटापा कम करने के उपाय – लक्षण, कारण, इलाज।

Obesity full details in Hindi।मोटापा क्या होता है।

हमार शरीर में सामान्य से ज्यादा वसा होने की स्थिति को मोटापा कहा जाता है, मोटापा और शरीर का वजन बढ़ने को आमतौर पर एक ही चीज समझा जाता है, लेकिन ये दोनों अलग स्थितियां हैं। यदि किसी व्यक्ति का वजन उसकी उम्र और लंबाई के अनुसार ज्यादा तो उसे ओवरवेट कहा जाता है। हालांकि, मांसपेशियां, हड्डियां, वसा और शरीर में मौजूद पानी व्यक्ति के शरीर के वजन को निर्धारित करते हैं। मोटापा वैश्विक रूप से स्वास्थ्य संबंधी समस्या बन गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार 1.9 अरब लोग आज के समय में ओवरवेट हो चुके हैं और वहीं लगभग 65 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हो गये हैं। भारत में मोटापे का स्तर नियमित रूप से बढ़ रहा है। इस समय भारत में लगभग 13.5 करोड़ लोग मोटापे का शिकार हैं।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-4) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में, मोटे लोगों की संख्या देश में दोगुनी हो चुकी है। सर्वेक्षण के अनुसार, वे लोग जिनका बॉडी मास इंडेक्स [ BMI ] 25 किलोग्राम प्रति मीटर वर्ग से अधिक है तो उन्हें मोटा माना जाता है। मोटापे की व्यापकता महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है जो कि 12.6% है और पुरुषों में कम महिलाओं के अपेझा कम है जो कि 9.3% है। दूसरे शब्दों में,अभी भारत में 100 मिलियन से अधिक व्यक्ति मोटापे का शिकार हो गये हैं।

भारत में मोटापा दुनिया के बाकी हिस्सों के अपेझा मोटापा अलग है और इसे 'थिन-फैट फेनोटाइप' द्वारा चिह्नित किया गया है। यह शरीर में वसा, पेट के मोटापे और आंत के वसा के उच्च अनुपात को संदर्भित करता है।

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मोटापा के लक्षण - Obesity Symptoms

मोटापा आपके शरीर के साथ साथ आपको भी बहुत प्रभावित करता है। आपको लगता है कि आपकी त्वचा पर अतिरिक्त मोटी परत होना कोई बहुत बड़ी बात नही है, किंतु इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं । जो आप सोच भी नहीं सकते हैं। जैसे छोटे-छोटे कार्यों को करने में सांस उपर नीचे होना तथा पसीना आना, आवश्यकता से ज्यादा या कम सोना, थोड़ा सा चलने पर सांस में रूक - रूक आना या पैदा होना या सांस तेजी से चलना, शरीर के अलग अलग हिस्सो में सूजन होना, शरीर के विभन्न भागो में वसा जमना, मानसिक और मनोवैज्ञानिक लक्षण जैसे आत्मसम्मान, आत्मविश्वास में कमी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। इसके अलावा मोटापे से टाइप 2 मधुमेह की संभावना बढ़ जाती हैं। यह हृदय रोग होने की संभावनाओं को भी बढ़ाने में मददगार होता है। कुछ अन्य मुद्दों जैसे गठिया और जीवन शक्ति में कमी भी मोटापे का ही एक परिणाम हैं।

मोटापा के कारण

मोटापा के बहुत से कारण होते हैं। यह अनेक कारण अधिकतर लोगों में आजकल देखने को मिलते हैं जो इस तरह है -

#1.एक्सरसाइज(व्यायाम)

एक्सरसाइज ना करना मोटापे का एक बहुत ही बड़ा कारण है। इसलिए हमें एक्सरसाइज हमेशा हर दिन करनी चाहिए।

#2.भोजन

हमें ज्यादा भोजन नहीं खाना चाहिए। जो लोग ज्यादा भोजन खाते हैं । उन लोगों में मोटापा की संभावना ज्यादा होती है। जो लोग ज्यादा खाना खाते हैं। उनको इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें मोटापा का शिकार ना होना पड़े। आहार में ज़्यादा तैलीय या तला भुना खाने से शरीर में वसा का जमाव होने लगता है। जंक फ़ूड भी मोटापे का एक बहुत ही बङा कारण है।

#3.स्ट्रेस

बदलती जीवन शैली के कारण आज के समय लोग ज्यादा स्ट्रेस या तनाव लेने लगे है,जिसकी वजह से लोगों में मोटापा बढ़ रहा हैं। स्ट्रेस को नियंत्रित करना बहुत ही ज़रूरी है,यह आपके स्वास्थ के लिए कही से लाभ दायक नही है।

#4.अस्वास्थ्यकारी आहार

नियमित रूप से आपके शरीर की जरूरत से ज्यादा कैलोरी का सेवन करने से भी वजन और मोटापा बढ़ सकता है। उच्च-कैलोरी, उच्च-वसा, और उच्च-चीनी खाद्य पदार्थ अतिरक्षण में योगदान देने की सबसे ही अधिक संभावना है।

#5.आसीन जीवनशैली

शारीरिक गतिविधि का अभाव मोटापे में बहुत योगदान कर सकता है। क्योंकि शरीर सक्रिय नहीं होने पर कम कैलोरी जलाता है।

एक गतिहीन जीवन शैली कई कारकों के कारण हो सकती है, जिसमें काम शामिल है जिसमें लंबे समय तक बैठना, प्रौद्योगिकी का उपयोग और परिवहन के तरीके शामिल हैं जिनमें शारीरिक परिश्रम की आवश्यकता नहीं होती है।

#6.चिकित्सीय स्थितियाँ 

कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, जैसे हाइपोथायरायडिज्म और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, वजन बढ़ाने और मोटापे में योगदान दे सकती हैं।

हाइपोथायरायडिज्म में शरीर पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है।यह शरीर द्वारा ऊर्जा (भोजन) के उपयोग को धीमा कर देता है, जिसे चयापचय कहा जाता है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम अंडाशय को प्रभावित करता है और जिसके परिणामस्वरूप हार्मोन असंतुलन होता है।

#7.जेनेटिक्स 

जेनेटिक्स शरीर के वजन और मोटापे के प्रति संवेदनशीलता को निर्धारित करने में एक भूमिका निभाता है। अध्ययनों से पता चला है कि जीन भूख, चयापचय, और जिस तरह से शरीर वसा जमा करता है, जैसे कारकों को प्रभावित कर सकता है।

मोटापा के जोखिम कारक

कई जोखिम कारक है, जो मोटापे के विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं। जो इस प्रकार है -

1.आयु 

जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती जाती है, उनका चयापचय स्वाभाविक रूप से धीमा हो जाता है, जिस कारण से स्वस्थ वजन बनाए रखना अधिक कठिन हो जाता है।

2.लिंग 

 पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापा विकसित होने की संभावना अधिक होती है, क्योकि ऐसा माना जाता है कि यह हार्मोनल कारकों और शरीर की संरचना में अंतर के संयोजन के कारण होता है।

3.नींद की कमी 

पर्याप्त नींद न लेने के कारण या बहुत अधिक नींद लेने से भी भूख बढ़ाने वाले हार्मोन में परिवर्तन हो सकता है।

4.अधिक स्क्रीन टाइम 

जैसे-जैसे काम, खरीदारी और सामाजिक जीवन ऑनलाइन होता जा रहा है, हम तेजी से अपने फोन और कंप्यूटर के सामने अधिक समय बिताते हैं। यह गतिहीन जीवन शैली की ओर जाता है जो मोटापे में बहुत ही बङा योगदान देता है।

5.मनोवैज्ञानिक कारक 

तनाव, चिंता, अवसाद और आघात का इतिहास जैसे मनोवैज्ञानिक कारक वजन बढ़ाने और मोटापे में अहम योगदान कर सकते हैं।

6.दवाएं 

कुछ दवाएं जैसे - कुछ एंटीडिप्रेसेंट और कॉर्टिकोस्टेरॉइड, वजन बढ़ाने और मोटापे में योगदान दे सकती हैं।

मोटापे का इलाज।मोटापे का उपचार कैसे किया जाता है?

मोटापे के इलाज का लक्ष्य एक स्वस्थ वजन पर पहुंचने और रहने का है। आपके खाने-पीने और शारीरिक गतिविधि की आदतों को समझने और उनमें परिवर्तन लाने के लिए डॉक्टरों की एक टीम - एक आहार विशेषज्ञ, व्यवहार परामर्शदाता या मोटापे विशेषज्ञ के साथ आपको काम करना पड़ सकता है। सभी वजन कम करने के कार्यक्रमों में आपके भोजन की आदतों और शारीरिक गतिविधि में वृद्धि की आवश्यकता होती है। उपचार के तरीके जो आपके लिए सही हैं आपके मोटापे के स्तर, आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य और आपके वजन कम करने की योजना में भाग लेने की इच्छा पर निर्भर करते हैं। अन्य उपचार उपकरण में आहार परिवर्तन, व्यायाम और शारीरिक गतिविधि शामिल हो सकती है।

1.आहार में बदलाव-

मोटापे पर काबू पाने में कैलोरी कम करना और स्वस्थ भोजन खाना महत्वपूर्ण हैं। आप शायद तेज़ी से वजन कम करना चाहेंगे, लेकिन स्वास्थय के लिए बेहतर होता है कि वजन धीरे धीरे ही कम किया जाए। ऐसा करने से वजन वापिस बढ़ने की सम्भावना भी कम होती है। 

अवास्तविक आहार परिवर्तनों से बचें, जैसे कि क्रैश डाइट, क्योंकि वे आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देतें हैं और आप में निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ा देते हैं।

वज़न कम करने वाले कार्यक्रम को कम से कम 6 महीने तक जारी रखें और अच्छे परिणामों के लिए कार्यक्रम के रख-रखाव चरण को कम से कम एक साल तक रखें।

एक डाइट प्लान चुनें जिसमें स्वस्थ आहार शामिल हो, जो आपको लगता है कि आपके लिए काम करेगा। मोटापा के इलाज के लिए आहार में परिवर्तन में निम्नलिखित चीज़ें शामिल करें।

2.कैलोरी घटाना - 

आप अपनी कैलोरीज की मात्रा कम करके अपना वज़न कम कर सकतें हो। आप और आपके चिकित्सक आपके भोजन और पीने की आदतों पर नज़र रख सकते हैं। आप आम तौर पर कितनी कैलोरी ले रहे हैं और आप कहा कटौती कर सकते हैं। आप और आपके चिकित्सक यह तय कर सकते हैं कि आपको वजन कम करने के लिए प्रत्येक दिन कितनी कैलोरी लेने की ज़रूरत है। 

महिलाओं के लिए 1,200 से 1,500 कैलोरी और पुरुषों के लिए 1500 से 1800 कैलोरी की एक सामान्य मात्रा है।

कम खाने में पूरा पेट भर जाना - कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों को बड़े हिस्से में खाने से, आप भूख की पीड़ा को कम कर सकते हैं। 

3.स्वस्थ विकल्प बनाना-

 अपने संपूर्ण आहार स्वस्थ बनाने के लिए फलों, सब्जियों और पूरे अनाज कार्बोहाइड्रेट खाने का सेवन करें। इसके अलावा प्रोटीन जैसे दाल,सोया और मांस (बिना चर्बी वाला) जैसे स्रोतों पर जोर दें। यदि आप मछली पसंद करते हैं, तो सप्ताह में दो बार मछली शामिल करने का प्रयास करें। नमक और चीनी की मात्रा कम करें। कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का सेवन करें। छोटी मात्रा में वसा खाएं और सुनिश्चित करें कि वे हृदय-स्वस्थ स्रोतों से आते हों, जैसे - जैतून, कैनोला और अखरोट का तेल।

4.कुछ खाद्य पदार्थों को सीमित करना - 

कुछ आहार एक विशेष खाद्य समूह की मात्रा को सीमित करते हैं, जैसे उच्च कार्बोहाइड्रेट या पूर्ण वसा वाले खाद्य पदार्थ। डॉक्टर से पूछें कि कौनसी आहार योजनाएं प्रभावी हैं, जो आपके लिए सहायक हो सकती हैं। मीठे पेय पदार्थ पीने से आप ज़्यादा कैलोरी का सेवन करेंगे, और इन पेय को सीमित करना या उन्हें पूरी तरह से समाप्त करना अच्छी शुरुआत है।

5.खाने की प्रतिस्थापना - 

आप अपने एक या दो आहार लो कैलोरी शेक या मील बार से प्रतिस्थापित करें। अपने तीसरे आहार में कम मात्रा में कैलोरीज और वसा लें। 

6.व्यायाम और गतिविधि-

शारीरिक गतिविधि या व्यायाम मोटापे के उपचार का एक अनिवार्य हिस्सा है। ज्यादातर लोग जो एक वर्ष से अधिक समय के लिए अपने घटे हुए वजन को बनाए रखने में सक्षम होते हैं, वो नियमित रूप से व्यायाम करते है, जिसमें सिर्फ चलना शामिल है।

अपनी गतिविधि स्तर को बढ़ावा देने के लिए:

व्यायाम- अधिक वजन वाले या मोटापे वाले लोगों को वजन कम करने के लिए या सामान्य वजन की मात्रा को कम करने के लिए मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि के कम से कम 150 मिनट की आवश्यकता होती हैं। अधिक महत्वपूर्ण वजन घटाने के लिए, आपको सप्ताह में 300 मिनट या इससे अधिक व्यायाम करना पड़ सकता है आप धीरे-धीरे अपनी व्यायाम की मात्रा में वृद्धि लाएं क्योंकि इससे आप अपने धीरज और फिटनेस में सुधार ला सकतें हैं।

एरोबिक व्यायाम- नियमित एरोबिक व्यायाम कैलोरीज कम करने का और ज़्यादा वज़न घटाने का सबसे कारगर तरीका है। आपके दिन के दौरान साधारण परिवर्तन करना बड़ा लाभ दिला सकता हैं।

विश्व मोटापा दिवस कब मनाया जाता है।(World Obesity Day)

लोगो को इस बीमारी के प्रति सजग और सावधान करने के लिए हर साल 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस (World Obesity Day) मनाया जाता है। दुनिया भर में फैली इस भयावह बीमारी को खत्म करने और इसके कारगर समाधानों को बढ़ावा देने के मकसद से 4 मार्च को पूरी दुनिया मोटापा दिवस मनाती है,इसके बढ़ते खतरे को लोगो को बताया और जागरूकता फैलाई जाती है।

FAQ 

Q1.मोटापा बढ़ने का मुख्य कारण क्या होता है?

Ans- शरीर का वजन और मोटापा बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है।  

Q2.मोटापा किस विटामिन की कमी से होता है?

Ans- vitamin B12 की कमी से,विटामिन बी12, फैट मेटाबोलिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब शरीर में इसकी कमी होती है तो इसकी वजह से फैट मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है और हमारे शरीर की चर्बी बढ़ने लगती है जिससे मोटापा बढ़ता है।

Q3.मोटापा के कारण कौन सा रोग होता है?

Ans- मोटापे को बीमारी नहीं कहा जाता है या नही माना जाता है, लेकिन माना जाता है मोटापा 53 बीमारियों की वजह बन सकता है। इसकी वजह से डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर, अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल, अत्यधिक पसीना आना, जोड़ों में दर्द, बांझपन आदि का खतरा बढ़ जाता है।

Obesity Conclusion 

आज के पोस्ट Obesity full details in Hindi में हमने बताया है की मोटापा क्या होता है और विश्व मोटापा दिवस कब मनाया जाता है मोटापा कम करने के उपाय क्या है इसका  लक्षण, कारण, इलाज क्या है। 

आशा है आपको हमारा पोस्ट पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करे।अगर कोई त्रुटि हो तो आप हमे कमेंट में बता सकते है आपके विचारो का  सदैव स्वागत है।


पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद 

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